
संभल में नेजा मेला नहीं होगा
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन और पुलिस ने महमूद गजनवी के भांजे और सैन्य कमांडर सैयद सालार मसूद गाजी की याद में वार्षिक ‘नेजा मेले’ के आयोजन को अनुमति देने से इनकार कर दिया। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि संभल पुलिस ने ‘नेजा मेला’ समिति से स्पष्ट किया कि ‘देश को लूटने वाले’ व्यक्ति की याद में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस ने मेले के आयोजन को देशद्रोह बताया।
‘नेजा मेला’ कमेटी के सदस्य सोमवार को कोतवाली में अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र से मिले, जहां अधिकारी ने साफ शब्दों में सालार मसूद गाजी के नाम पर मेले के आयोजन को अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कमेटी के लोगों से स्पष्ट किया कि इतिहास गवाह है वह (मसूद गाजी) महमूद गजनवी का सेनापति था, जिसने सोमनाथ को लूटा और कत्लेआम किया।
लुटेरे की याद में नहीं होगा आयोजन
अधिकारी ने बताया कि किसी लुटेरे की याद में किसी भी तरह का मेले का आयोजन नहीं होगा। नगर ‘नेजा मेला’ कमेटी के अध्यक्ष शाहिद हुसैन मसूरी ने पत्रकारों से कहा कि यहां पर सैकड़ों वर्ष से मेले का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस वर्ष पुलिस अधिकारियों ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि सालार मसूद गाजी आक्रांता थे और उनकी याद में मेले का आयोजन नहीं होगा। शाहिद हुसैन ने कहा कि हम वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे और उनसे बात करेंगे। अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने बताया, “हमने मेला आयोजित करने की अनुमति नहीं दी क्योंकि मसूद गाजी लुटेरा और हत्यारा था इसलिए उसकी याद में कैसे मेला का आयोजन किया जा सकता है।”
कब लगने वाला था मेला?
मेला कमेटी ने 18 मार्च को मेले का झंडा गाड़ने और 25, 26, 27 मार्च को मेला लगाने का प्लान बनाया था, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है। संभल में नेजा मेला का इतिहास हजारों साल पुराना है। पृथ्वीराज की राजधानी संभल हुआ करती थी। यहीं लड़ाई के दौरान गाजी के कई साथी मारे गए थे, जिनकी मजार संभल में है। इसी वजह से यहां लंबे समय से मेले का आयोजन हो रहा था, लेकिन अब पुलिस की तरफ से साफ कर दिया गया है कि लूटने वालों के नाम पर मेले नहीं लगाए जा सकते हैं।