
नागपुर हिंसा के बाद स्थानीय दुकानदार ने सुनाई आपबीती
महाराष्ट्र के नागपुर जिले में सोमवार की रात भीषण हिंसा देखने को मिली। इस दौरान नागपुर के महल इलाके में पथराव, कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आसपास के इलाके में आगजनी की गई। इस घटना के बाद शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। हालांकि इस घटना के बाद से ही शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में नागपुर शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है।नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंघल ने बताया है कि यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, इस हिंसा में 20 से 22 पुलिसकर्मी घायल हैं। वहीं, 62/65 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।
स्थानीय दुकानदार ने कही ये बात
इस बीच नागपुर के हिंसाग्रस्त हंसपुरी इलाके के एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, “रात 10.30 बजे मैंने अपनी दुकान बंद की। अचानक मैंने देखा कि लोग गाड़ियों में आग लगा रहे हैं। जब मैंने आग बुझाने की कोशिश की तो मुझे पत्थर से मारा गया। मेरी दो गाड़ियां और पास में खड़ी कुछ और गाड़ियां जला दी गईं।” एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने बताया, “पूरी घटना के डेढ़ घंटे बाद पुलिस यहां आई। ऐसा करने वाले लोगों ने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों को निशाना बनाया और उन्हें नुकसान पहुंचाया।”
क्या बोले वारिस पठान?
वहीं इस मामले पर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा, ‘हम हर तरह की हिंसा का जोरों से खंडन करते हैं। सभी का कायदे, कानून का पालन करना चाहिए। लेकिन ये क्यों हुआ और किस लिए हुआ, इसकी जांच महाराष्ट्र सरकार को करनी चाहिए। कल हैदराबाद से एक आए थे (टी राजा सिंह), उन्होंने पुणे के अंदर के भाषण दिया। ये सभी चीजें नफरत फैला रही है। सरकार इन सभी चीजों पर लगाम लगाए। सरकार ऐसे लोगों के ऊपर लगाम लगाए। हम बोल रहे थे कि काफी लोग कुछ दिन से चाहते हैं कि महाराष्ट्र में नफरत पैदा हो।’