
महाकाल मंदिर
उज्जैन के महाकाल मंदिर में करीब से दर्शन कराने के नाम पर श्रद्धालुओं से धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने 90 दिन की गहन जांच के बाद शुक्रवार को कोर्ट में 2360 पन्नों की चार्जशीट पेश की। इस चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम और 42 गवाहों के बयान दर्ज है। खास बात यह है कि मंदिर समिति से जुड़े 10 आरोपी जेल में हैं, जबकि 4 आरोपी अब भी फरार है। फरार आरोपियों पर पुलिस ने 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है।
महाकाल थाना प्रभारी नरेन्द्र सिंह परिहार के अनुसार धारा 318(4), 316(2), 316 (5) के तहत केस दर्ज किया गया था। करीब 90 दिन तक चली जांच के बाद पुलिस ने शुक्रवार को अदालत में 2360 पन्नों कौ चार्जशीट दाखिल की। पुलिस का मानना है कि यह मामला संगठित अपराध से जुड़ा है। इसलिए संभावना है कि जांच के बाद इस पर संगठित अपराध की धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं।
ईडी शुरू कर सकती है जांच
महाकाल थाना पुलिस ने इस मामले की पूरी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेज दी है। ईडी ने महाकाल मंदिर में हुए फंड ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी थी। एसपी प्रदीप शर्मा के अनुसार, ईडी की टीम जल्द ही जांच के लिए उज्जैन पहुंच सकती है। दरअसल 19 दिसंबर 2024 को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने महाकाल मंदिर के नंदी हॉल में उत्तरप्रदेश, गुजरात के श्रद्धालुओं को पकड़ा। जांच में पता चला की श्रद्धालु मंदिर के पुरोहित अजय शर्मा, प्रतिनिधि राजेश भट्ट उर्फ पत्ती गुरु और सेवक कुणाल शर्मा के जरिए पहुंचे थे। तीनों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए गए। इसके बाद लगातार खुलासे होते गए और आरोपी बढ़ते गए।
पुलिस ने इस मामले में दो एफआइआर दर्ज की थीं। पहली एफआइआर में पुरोहित प्रतिनिधि और सेवक को आरोपी बनाया गया था। बाद में जांच में मंदिर समिति और सिक्योरिटी एजेंसी के कर्मचारियों के खिलाफ अमानत में खयानत और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया।
कड़ियां जुड़ीं और ऐसे खुला पूरा खेल
श्रद्धालुओं को नंदी हॉल में बैठाने की सुविधा सफाई कर्मचारी विनोद चौकसे और दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव ने दी थी। 20 दिसंबर को सुरक्षा प्रभारी राकेश श्रीवास्तव, सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे, जिला प्रोटोकॉल कर्मचारी अभिषेक भार्गव, सभा मंडप के दर्शन प्रभारी राजेंद्र सिसोदिया, आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह, मंदिर कर्मचारी रितेश शर्मा और पूर्व नंदी हॉल प्रभारी उमेश पंड्या को आरोपी बनाया गया। आउटसोर्स एजेंसी क्रिस्टल के कर्मचारी ओमप्रकाश माली, जितेंद्र सिंह पंवार, करण पंवार, मंदिर के कर्मचारी आशीष शर्मा, पूर्व मंदिर समिलि सदस्य दीपक मित्तल, यूट्यूबर पंकज शर्मा और विजेन्द्र के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया।
पैसे देने वाले ही बने गवाह
अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसके अलावा 4 आरोपी आशीष शर्मा, दीपक मित्तल, पंकज शर्मा और विजेन्द्र अब भी फरार हैं। चार्जशीट में भारी लेन-देन के प्रमाण लगाए गए है। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल ट्रांजेक्शन से 150 से ज्यादा श्रद्धालुओं का लेन-देन मिला है। इन ट्रांजेक्शन में 2000 से 50,000 रुपए तक की राशि का लेन-देन सामने आया है। हालांकि, पुलिस ने 20,000 रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर करने वालों को ही चार्जशीट में गवाह बनाया है। कई श्रद्धालुओं ने पुलिस को बताया कि उन्होंने इसे आस्था के तहत दान के रूप में दिया।
(उज्जैन से प्रेम डोडिया की रिपोर्ट)