‘केशव प्रसाद मौर्य यूपी संभाल लें, बाबा जी जाएं दिल्ली’, भाजपा विधायक के बयान पर क्या बोले डिप्टी सीएम


Keshav Prasad Maurya should take care of UP Babaji should go to Delhi what did the Deputy CM say on
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भाजपा विधायक के बयान पर क्या बोले डिप्टी सीएम

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य आज हरदोई के गोपामऊ क्षेत्र के मुरादपुर पहुंचे। दरअसल यहां सम्राट अशोक की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान जब केशव प्रसाद मौर्य सम्मेलन को संबोधित करनेके लिए मंच पर पहुंचे तो वहां उनका विधायकों और कार्यकर्ताओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान गोपामऊ विधानसभा के भाजपा विधायक ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘उनकी इच्छा है कि बाबा जी दिल्ली चले जाएं और उत्तर प्रदेश केश जी संभाले। भाजपा विधायक यहीं नहीं रुके।’ भाजपा विधायक ने कहा, ‘निश्चित है मेरे मन में जो आता है वह पूरा भी होता है और वह दिन जरूर आएगा।’

क्या बोले केशव प्रसाद मौर्य

विधायक द्वारा दिए गए बयान पर जब पत्रकारों ने केशव प्रसाद मौर्या से सवाल पूछा तो केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदरणीय हैं। वही आगे भी सीएम रहेंगे। हम लोगों के बीच ऐसा कुछ भी नहीं है। उनकी भावना थी, उन्होंने व्यक्त कर दिया। लेकिन उसको आप पार्टी का निर्णय मत मानिए।’ बता दें कि इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच सोमवार को ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को लेकर फिर जुबानी जंग देखने को मिली थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान ‘पीडीए’ का नारा देकर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को एक साथ जोड़ने की मुहिम शुरू की थी और उनकी पार्टी को इसका लाभ मिला। अखिलेश यादव ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पीडीए 90 फीसदी जनता की एकता का नाम है। पीडीए संविधान और आरक्षण की ढाल है।’’ 

अखिलेश यादव ने साधा था निशाना

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा की नकारात्मक राजनीति समाज में संकट और दूरियां पैदा करने की रही है।’’ यादव ने कहा, ‘‘भाजपाइयों ने एंग्लो-इंडियन का आरक्षण समाप्त किया, किसानों को परेशान करने के लिए काले कानून लाए, नोटबंदी से हर नागरिक को परेशान किया, जीएसटी से छोटे दुकानदारों, व्यापारियों और कारोबारियों को परेशान किया, धर्म-जात की विभेदकारी नफरत की राजनीति की और अब वक्फ की सियासत।’’ 





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