मेरठ मर्डर केस में बड़ा खुलासा: ‘तुम शंकर, मैं तुम्हारी पार्वती’, मुस्कान के प्यार में क्या से क्या बन गया साहिल?


साहिल और मुस्कान
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साहिल और मुस्कान

सौरभ हत्याकांड में कई बड़े खुलासे हुए हैं। सौरभ की पत्नी मुस्कान ने साहिल से दोस्ती की, फिर उसे प्यार के जाल में ऐसा फंसाया कि वह चाहकर भी उससे नहीं निकल सका और सौरभ की हत्या में अपनी भूमिका निभाई। मुस्कान ने साहिल को पहले नशेड़ी बनाया और फिर तंत्रमत्र के जाल में ऐसा फंसाया कि CA बनने की तैयारी कर रहा साहिल आज कातिल बन गया। मुस्कान के लिए साहिल इतना पागल था कि वो साहिल शुक्ला से खुद को शंकर कहलवाने लगा और मुस्कान इतनी शातिर थी कि उसने साहिल को अपने मोह जाल में फंसाने के लिए साहिल की मरी मां के नाम का सहारा लिया। 

मुस्कान के मोहजाल में फंसा था साहिल

मुस्कान जो कहती थी साहिल वही करता था। मुस्कान ने कहा सौरभ का वध करना है तो साहिल चाकू लेकर खड़ा हो गया। मुस्कान ड्रग्स की डिमांड करती थी तो साहिल रिस्क उठाकर ड्रग्स का जुगाड़ करता था। मुस्कान की कातिल कहानी का दूसरा सबसे इंपोर्टेंट कैरेक्टर साहिल है। जिसने मुस्कान के लिए अपना करियर अपना परिवार, अपनी पहचान, अपना नाम, सबकुछ दांव पर लगा दिया। मुस्कान शादीशुदा थी और उसकी छ साल की बेटी भी है। मुस्कान झगड़ालू स्वभाव की थी और उसका हर किसी से झगड़ा होता रहता था।

मुस्कान के लिए क्यों पागल था साहिल? 

इसका जवाब है साहिल शुक्ला की मां, जो साहिल का सबसे इमोशनल वीक प्वॉइंट था जिसकी चाबी मुस्कान के पास थी। साहिल की मां का देहांत तकरीबन सात- आठ साल पहले हुआ था। उस वक्त साहिल की उम्र करीब 16 से 17 साल थी। साहिल शुरुआत से ही अपनी मां से बहुत क्लोज था और जब मां की मौत हुई तो इस घटना ने साहिल को पूरी तरीके से तोड़कर रख दिया था। साहिल के करीब रहे कुछ लोगों का दावा है कि अपनी मरी हुई मां से बात करने के लिए, उनको देखने के लिए साहिल जादू टोने-टोटके की दुनिया में घुस गया था और उसकी शुरूआत हुई थी मुस्कान से मिलने के बाद। 

मुस्कान ने रचाया शंकर पार्वती का खेल 

साहिल शुक्ला एक अच्छे परिवार से आता है और लोगों ने बताया कि सीधा सादा और शर्मीले स्वभाव का था। वह छोटे बाल रखता था, ज्यादा किसी से बात नहीं करता था। साहिल के पिता मार्केटिंग का काम करते हैं। उसका एक बड़ा भाई है जो अमेरिका में रहता है। साहिल की मां की मौत होने के बाद उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी लेकिन साहिल अपनी मां की जगह किसी दूसरे को देख नहीं पाता था।

जब भी मुस्कान और साहिल नशा करते तो मुस्कान उसको दूसरी दुनिया में ले जाने का दावा करती। उसे उसकी मां से बात करवाने का दावा करती थी। उसकी मां के अवतरित होने की बात कहती। शुरुआत में नशे की दुनिया में साहिल को सुकून को मिलता था और अपनी मां के जाने का दर्द कम हो जाता था, वो अपना गम भूल जाता था लेकिन साहिल को इस बात का जरा भी अहसास नहीं हुआ कि वो पूरी तरीके से मुस्कान के चक्रव्यूह में फंस चुका है। मुस्कान ने साहिल को शकंर और खुद को पार्वती बताने का ढोंग शुरू कर दिया था। 

नौवीं फेल है मुस्कान, सीए कर रहा था साहिल

मुस्कान नौंवी फेल है और साहिल CA की पढ़ाई कर रहा था। मुस्कान को पढ़ाई से कभी कोई मतलब नहीं रहा और ना ही करियर से कभी कोई तालुकात रहा, लेकिन साहिल ऐसा नहीं था। जब मुस्कान और साहिल की मुलाकात हुई तब साहिल ग्रेजुएशन कर चुका था और CA की तैयारी में लगा था और मुस्कान के मिलने के बाद वो अपने लक्ष्य से भटक गया और नशे की गिरफ्त में आ गया था। मुस्कान से मिलने के दो साल के बाद साहिल ने नशा छोड़ने का फैसला किया था और उसने मुस्कान से भी नशे से दूरी बनाने को कहा था लेकिन मुस्कान नशे में इतनी डूब चुकी थी कि उसने साहिल को ना अपने से दूर जाने दिया और ना उसका नशा बंद होने दिया।

सौरभ से इतनी नफरत करती थी मुस्कान

मुस्कान का मकसद सिर्फ सौरभ को मारना नहीं था, बल्कि जिस तरह से मुस्कान ने सौरभ को मारा है, वो नफरत से भी कहीं ज्यादा है। मुस्कान के वार से सौरभ का दिल फट गया और खून का फव्वारा शुरू हो गया था। मौत से पहले सौरभ का दिमाग पूरी तरह से शून्य हो चुका था। सौरभ के सीने पर चाकू के निशान बता रहे हैं कि उसे मारने में साहिल और मुस्कान ने कोई जल्दबाजी नहीं की थी। बकायदा सीने पर दिल के पास निशाना लगाकर चाकू मारा गया ताकि सौरभ का दिल कट जाए, जैसे मुस्कान को सौरभ के दिल से नफरत हो।.

 





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