सरकार ने बेहतर होती बाजार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (GMS) को बुधवार से बंद करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (GMS) व्यक्तियों या संस्थाओं को उनके घर में पड़े सोने से पैसे कमाने का अवसर प्रदान करती है। यह योजना जमा किए गए सोने के लिए मूलधन और ब्याज राशि प्रदान करती है और जमाकर्ताओं को सोने की कीमतों में वृद्धि से लाभ देती है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि बैंक एक से तीन साल वाली अपनी अल्पकालिक स्वर्ण जमा योजनाओं को जारी रख सकते हैं। सरकार स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत नवंबर, 2024 तक लगभग 31,164 किलोग्राम सोना जुटा चुकी थी।
15 सितंबर, 2015 को शुरू हुई थी
सरकार ने इस योजना की घोषणा 15 सितंबर, 2015 को की थी। इसे लाने का उद्देश्य लंबी अवधि में सोने के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के साथ देश में परिवारों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को जुटाना था ताकि इसका उपयोग उत्पादक उद्देश्यों के लिए किया जा सके। जीएमएस में अल्पकालिक बैंक जमा (एक-तीन वर्ष), मध्यम अवधि सरकारी जमा (पांच-सात वर्ष) और दीर्घकालिक सरकारी जमा (12-15 वर्ष) के रूप में तीन घटक शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के प्रदर्शन की पड़ताल और बाजार की उभरती स्थितियों के आधार पर 26 मार्च, 2025 से जीएमएस के मध्यम अवधि और दीर्घकालिक सरकारी जमा वाले घटकों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।’’ हालांकि, जीएमएस के तहत बैंकों द्वारा पेश की जाने वाली अल्पकालिक बैंक जमा (एसटीबीडी) की सुविधा बैंकों के अपने विवेक पर जारी रहेगी। बैंक वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन कर एसटीबीडी को जारी रखने का फैसला कर सकते हैं। इस संबंध में रिजर्व बैंक के विस्तृत दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।
पहले से जमा है सोना तो क्या होगा?
मंत्रालय ने कहा कि जीएमएस के मध्यम-अवधि वाले घटक के तहत कोई भी सोना जमा 26 मार्च, 2025 से स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेकिन इस घटक के तहत मौजूदा जमा GMSके मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप अवधि पूरी होने तक जारी रहेगा। नवंबर, 2024 तक जमा कुल 31,164 किलोग्राम सोने में से अल्पकालिक स्वर्ण जमा 7,509 किलोग्राम, मध्यम अवधि स्वर्ण जमा (9,728 किलोग्राम) और दीर्घकालिक स्वर्ण जमा (13,926 किलोग्राम) था। जीएमएस में लगभग 5,693 जमाकर्ताओं ने भाग लिया। सोने की कीमतें एक जनवरी, 2024 को 63,920 रुपये प्रति 10 ग्राम से 26,530 रुपये यानी 41.5 प्रतिशत बढ़कर 90,450 रुपये प्रति 10 ग्राम (25 मार्च 2025 तक) हो गई हैं।