
भूकंप से लोगों में दहशत
म्यांमार की धरती एक बार फिर भूकंप के झटकों से कांप उठी। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.7 मापी गई है। भूकंप के तेज झटके से लोगों में दहशत फैल गई और लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के ये झटके दोपहर 2.50 बजे महसूस किए गए।
भूकंप से एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत
शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इमारतों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया। भूकंप के कारण म्यांमार में कम से कम 1,002 लोगों के मारे जाने की खबर है। म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि वह भारत से सहायता एवं राहत सामग्री की शीघ्र आपूर्ति के संबंध में म्यांमा के साथ समन्वय कर रहा है। भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हम भारतीय समुदाय के साथ भी लगातार संपर्क में हैं।’’ उसने जरूरतमंद भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन नंबर जारी किया।
ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत म्यांमार को मदद
ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत एनडीआरएफ कर्मियों को म्यांमार की सहायता के लिए मजबूत ‘कंक्रीट कटर’, ‘ड्रिल मशीन’, ‘हथौड़े’ आदि जैसे भूकंप बचाव उपकरणों के साथ भेजा जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कुल 80 एनडीआरएफ कर्मियों की एक टीम को गाजियाबाद के हिंडन से भारतीय वायुसेना के दो विमानों में म्यांमा भेजा जा रहा है। राहत टीम के शनिवार शाम तक वहां पहुंचने की उम्मीद है।’’ गाजियाबाद में तैनात एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के कमांडेंट पी के तिवारी यूएसएआर (शहरी खोज और बचाव) टीम का नेतृत्व करेंगे। अधिकारी ने बताया कि टीम खोजी कुत्तों को भी साथ ले जा रही है।
नेपाल और तुर्की को भी भारत ने पहुंचाई थी मदद
भारत ने इससे पहले 2015 में नेपाल और 2023 में तुर्किए में आए भूकंप के दौरान भी एनडीआरएफ दल को राहत कार्यों के लिए भेजा था। इसके अलावा, भारत ने शनिवार को 15 टन राहत सामग्री भी म्यांमार भेजी। यह सामग्री भारतीय वायु सेना के सी130जे सैन्य परिवहन विमान के जरिए म्यांमा के यांगून शहर भेजी गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को म्यांमा और थाईलैंड में भीषण भूंकप के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत दोनों देशों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। भारत और म्यांमा के बीच 1,643 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है। (इनपुट-भाषा)