
सुरक्षाकर्मी तैनात
मणिपुर में पिछले कई महीनों से रुक-रुक कर हिंसा हो रही है। नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में आफस्पा (AFSPA) लगाई गई है। अशांत क्षेत्रों में काम कर रहे सशस्त्र बलों को व्यापक शक्तियां और अभियोजन से छूट देने वाले सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम की मियाद रविवार को मणिपुर के 13 पुलिस थानों को छोड़कर पूरे राज्य में और छह महीने के लिए बढ़ा दी गई। गृह मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।
इन इलाकों में 6 महीने के लिए बढ़ाई गई AFSPA
मंत्रालय ने बताया कि यह अधिनियम केंद्र की मंजूरी के बिना अशांत क्षेत्रों में काम कर रहे सशस्त्र बलों को व्यापक शक्तियां और अभियोजन से छूट देता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, अशांत घोषित क्षेत्रों में लागू होने वाला आफस्पा कानून की मियाद नगालैंड के आठ जिलों और अन्य पांच जिलों के 21 पुलिस थाना क्षेत्रों में भी छह महीने के लिए बढ़ा दी है।
यह कानून अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा नामसाई जिले के तीन पुलिस थाना क्षेत्रों में भी एक अप्रैल से और छह महीने के लिए विस्तारित कर दिया है।
6 महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित
मणिपुर से संबंधित अधिसूचना में कहा गया है, ‘केंद्र सरकार मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (1958 का 28) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, पांच जिलों के निम्नलिखित 13 (तेरह) पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर राज्य को 01.04.2025 से छह महीने की अवधि के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित करती है, जब तक कि यहां सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो जाती।’
इन इलाकों में नहीं प्रभावी रहेगा AFSPA
अधिसूचना के राज्य के इंफाल, लांफेल, सिटी, सिंगजामेई, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हिंगांग, इरिलबुंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल और काकचिंग थाना क्षेत्र में आफस्पा प्रभावी नहीं होगा। (भाषा के इनपुट के साथ)