
इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप
म्यांमार में 28 मार्च को आए शक्तिशाली भूकंप ने तबाही मचाई है, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई है और हजारों लोग घायल हैं। म्यांमार में अबतक भूकंप के आफ्टरशॉक्स आ रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि इतिहास का सबसे ताकतवर भूकंप कब और कहां आया था? तो बता दें कि साल 1960 में इतिहास का सबसे ताकतवर भूकंप चिली में आया, जिसकी तीव्रता 9.5 थी। ये भूकंप इतना शक्तिशाली था कि हवाई और जापान तक सुनामी आई थी। वाल्डिवियन भूकंप या ग्रेट चिली भूकंप, अब तक का सबसे बड़ा भूकंप है। यह चिली के तट पर वाल्डिविया और प्यूर्टो मोंट क्षेत्र के पास आया था।
भूकंप से कितनी मची थी तबाही
22 मई 1960 की दोपहर को वाल्डिविया में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.4-9.6 थी। माना जाता है कि यह भूकंप सबसे ज्यादा देर तक 10 मिनट तक रहा था। इसकी वजह से उठीं सुनामी की लहरें चिली, हवाई, जापान, फिलीपींस और यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक पहुंच गईं थीं। हालांकि इस भूकंप के कारण मृतकों की संख्या और कुल नुकसान का सटीक आंकड़ा नहीं मिल सका था, फिर भी कहा जाता है कि इस भूकंप में मृतकों की संख्या 1,000-6,000 के बीच रही थी।
कब कब आया खतरनाक भूकंप
इसके बाद 26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आए घातक भूकंप में 2,00,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.2 और 9.3 थी और इसे 21वीं सदी का सबसे विनाशकारी भूकंप माना जाता है। वहीं, 11 मार्च 2011 को जापान में आए तोहोकू-सेंडाई भूकंप ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट में समस्याएं उत्पन्न की थीं और इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.1 थी।
कनाडा के वैंकूवर से लेकर उत्तरी कैलिफोर्निया तक के तटीय क्षेत्र में 8 से 9.2 की तीव्रता का भूकंप आ सकता है, जिससे सुनामी की विशाल लहरें उत्पन्न हो सकती हैं जो कई शहरों को डुबो सकती हैं। जबकि यह तीव्रता के मामले में चिली के वाल्डिविया भूकंप जितना बड़ा नहीं होगा, यह अमेरिका के कई अत्यधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों को कवर करेगा ,जिसमें पांच मिलियन से अधिक लोग रहते हैं।