एनकाउंटर में ढेर अनुज कनौजिया की शादी की कहानी भी फिल्मों जैसी, 16 साल पहले प्रेम प्रसंग में की थी हत्या


अनुज कनौजिया और रीना...
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अनुज कनौजिया और रीना राय

गाजीपुर और मऊ के कुख्यात अपराधी अनुज कनौजिया का आखिरकार अंत हो गया। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने मुठभेड़ में इस खतरनाक शूटर को ढेर कर दिया। अनुज का नाम मुख्तार अंसारी गैंग से जुड़ा था और उसका खौफ पूरे इलाके में फैला हुआ था। मऊ जिले के चिरैयाकोट थाना क्षेत्र बहलोलपुर गांव के रहने वाले अनुज का आपराधिक सफर कोई नया नहीं था। उसका नाम गाजीपुर में 16-17 साल पहले हुई एक दुस्साहसिक वारदात से जुड़ा है, जिसे आज भी लोग नहीं भूले हैं। यह घटना 20 अप्रैल 2009 की है, जब दुल्लहपुर बाजार के एक मेडिकल स्टोर पर दिनदहाड़े गोलियां बरसाई गई थीं। इस हमले में मेडिकल स्टोर संचालक संजय वर्मा तो बच गए, लेकिन उनके भाई मनोज वर्मा की जान चली गई थी।

प्रेम की आड़ में खूनी खेल

कहानी की शुरुआत हुई अनुज कनौजिया और रीना राय के प्रेम संबंध से। रीना, मेडिकल स्टोर के पास रहती थी और अनुज अक्सर वहां लगे पीसीओ से उससे बात करता था। इसी दौरान उसकी मेडिकल स्टोर के मालिक संजय वर्मा से कहासुनी हो गई। यह मामूली विवाद जल्द ही एक बड़ी दुश्मनी में बदल गया। अनुज ने अपने साथियों के साथ संजय की हत्या की साजिश रची।

20 अप्रैल 2009 को बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने मेडिकल स्टोर में धावा बोल दिया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। संजय वर्मा उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके भाई मनोज वर्मा को गोलियों से भून दिया गया। इस वारदात ने पूरे गाजीपुर को हिलाकर रख दिया।

प्रेमिका भी बनी आरोपी

हत्या के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज की और अनुज समेत उसकी प्रेमिका रीना राय व अन्य साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। व्यापारी वर्ग में आक्रोश बढ़ता देख पुलिस ने रीना राय और कुछ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन अनुज तब तक फरार हो चुका था। कुछ समय बाद उसने मऊ में सरेंडर कर दिया। बाद में रीना राय, जो इस कांड में आरोपी थी, अनुज कनौजिया की पत्नी बन गई। दूसरे समाज की होने के बाद भी परिवारवालों की मर्जी के बिना रीना ने अनुज से शादी कर ली। दोनों की शादी पुलिस कस्टडी में ही हुई थी। अनुज के जेल जाने के बाद रीना ही उसका काम देख रही थी।

मुख्तार का साया बनकर साथ रहता था अनुज

इसके बाद भी अपराध की दुनिया में अनुज की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। वह गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के लिए काम करने लगा और कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया। लेकिन आखिरकार, कानून के हाथ लंबे निकले। वर्षों तक पुलिस को चकमा देने वाला यह शूटर एसटीएफ के निशाने पर आया और एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। गाजीपुर और मऊ के लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन उसकी खूनी दास्तान आज भी लोगों के जेहन में ताजा है।

(शशिकांत तिवारी)

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