
मराठी को लेकर आक्रामक हो रही मनसे।
महाराष्ट्र में राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस एक बार फिर से मराठी के मुद्दे पर आक्रामक हो गई है। MNS की गुंडागर्दी एक बार फिर से सामने आई है। पहले मुंबई के अंधेरी इलारे में डी मार्ट के कर्मचारी को पीटने के बाद अब कल रात फिर से पवई इलाके में एक गैर मराठी भाषी सिक्योरिटी गार्ड की पिटाई का मामला सामने आया है। इसके अलावा अब बैंकों में मराठी भाषा में कामकाज की मांग को लेकर MNS आक्रामक हो गई है। कार्यकर्ताओं ने बैंकों को चेतावनी दी है कि महाराष्ट्र में मराठी में कामकाज होना चाहिए।
पवई में गार्ड से मारपीट
बता दें कि पवई स्थित L&T बिल्डिंग के एक सुरक्षा गार्ड का किसी कारणवश अजिंक्य नाम के एक मराठी व्यक्ति से विवाद हो गया। इससे दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। हालांकि यह सुरक्षा गार्ड उत्तर भारत से था, इसलिए वह मराठी नहीं बोल सकता था। इसके बाद एमएनएस कार्यकर्ता ने इस सुरक्षा गार्ड की भी पिटाई की, जबकि वॉचमैन बोलता रहा कि उसे मराठी नहीं आता तो कैसे बोलेगा। हालांकि मनसे कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि आपको मराठी नहीं आती तो आपको इसे सीखना चाहिए और शांति से बोलना चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि ‘मराठी गया तेल लेने’ यह कहकर मराठी भाषा का अपमान करने पर उन्होंने सुरक्षा गार्ड थप्पड़ मारा था।
बैंकों को चेतावनी जारी
मराठी भाषा के मुद्दे पर पवई में वॉचमैन की पिटाई और वर्सोवा में डी मार्ट कर्मी की पिटाई के बाद अब मनसे बैंकों में मराठी कामकाज के मुद्दे पर भी आक्रामक हो गई है। पेईंग स्लिप से लेकर बैंक के सर्क्यूलर और अन्य बैनर्स-पोस्टर, साथ ही बैंक में कर्मचारी मराठी भाषा का इस्तेमाल करें इस मांग को लेकर एमएनएस ने मुंबई और महाराष्ट्र के बैंकों को चेतावनी दी है। उन्होंने मराठी में कामकाज न होने पर आंदोलन कर अपने स्टाइल से सबक सिखाने की बात की है। इसी क्रम में पालघर के एमएनएस प्रमुख अविनाश जाधव ने पालघर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक दफ्तर में घुसकर बैंक में हिंदी भाषा में लगे बैनर्स हटवाए और बैंक में अगले आठ दिन में मराठी में कामकाज करने की चेतावनी दी। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने आंदोलन करने की धमकी दी।
विपक्ष ने साधा निशाना
वहीं एमएनएस के मराठी मुद्दे को लेकर फिर से आक्रामक रूख अपनाने पर विपक्ष ने निशाना साधा है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने मनसे की गुंडागर्दी पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से भी सवाल पूछा है कि वह एमएनएस की गुंडागर्दी पर चुप क्यों हैं? क्यों फणनवीस सरकार एमएनएस पर कड़े एक्शन के लिए दबाव नहीं बढ़ा रही? कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी और एमएनएस की मिलीभगत है, इसलिए एमएनएस कार्यकर्ता कितनी भी कानून की धज्जियां उड़ा लें, फणनवीस सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
कानून हाथ में लेना उचित नहीं
वही बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा है कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा ही बोलनी चाहिए, लेकिन मराठी की सख्ती के लिए कोई कानून हाथ में लेना उचित नहीं। फणनवीस सरकार मराठी भाषा के सम्मान के लिए काम कर रही है, इसलिए राज ठाकरे मराठी भाषा को लेकर चिंता न करें। इसके अलावा सरकार में मंत्री शम्भूराज देसाई ने कहा है कि महाराष्ट्र में मराठी ही बोलनी चाहिए, जिसे नहीं आती उसे सीखनी चाहिए, लेकिन कानून हाथ में लेना उचित नहीं है। बता दें कि राज ठाकरे ने शिवाजी पार्क में गुडी पाड़वा रैली के दौरान आदेश दिया था कि एमएनएस कार्यकर्ता बैंकों में जाकर चेक करें कि बैंक में मराठी में कामकाज चलता है कि नहीं। साथ ही ये भी कहा था कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा ही चलेगी, जो नहीं बोलेगा उसे कान के नीचे खानी पड़ेगी।
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