
राष्ट्रपति ट्रंप ने गर्व से कहा है कि बुधवार को अमेरिका में मुक्ति दिवस मनाया जाएगा।
2 अप्रैल की मार्केटिंग मुक्ति दिवस के तौर पर कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पूरी दुनिया पर पारस्परिक टैरिफ लागू करने जा रहे हैं। यानी दूसरे देशों से अमेरिका आयात होने वाली वस्तुओं पर टैक्स लागू करेंगे। ट्रम्प का तर्क है कि इससे अमेरिका की विदेशी सामानों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। हालांकि, यह टैरिफ योजना काफी हद तक एक रहस्य बनी हुई है, क्योंकि ट्रम्प और उनके प्रशासन ने लगातार बदलते और परस्पर विरोधी कई प्रस्ताव पेश किए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोमवार को बताया कि ट्रम्प बुधवार को अपने दूसरे कार्यकाल की पहली रोज गार्डन प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी टैरिफ योजना का अनावरण करेंगे। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मौजूद रहेगी।
पारस्परिक टैरिफ आखिर क्यों?
राष्ट्रपति ट्रंप ने गर्व से कहा है कि बुधवार को अमेरिका में मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। लेविट के मुताबिक, पारस्परिक टैरिफ योजना, दशकों से हमारे देश को लूटने वाले अनुचित व्यापार व्यवहारों को वापस लेगी। वह अमेरिकी कामगारों के सर्वोत्तम हित में ऐसा कर रहे हैं। लेकिन लेविट ने यह नहीं बताया कि ट्रंप क्या घोषणा करेंगे। हां, नया टैरिफ अन्य देशों के टैरिफ के डॉलर के हिसाब से होगा। जैसे कनाडा द्वारा अमेरिकी डेयरी उत्पादों के लिए 250% टैरिफ है। लेविट ने कहा कि उच्च टैरिफ अमेरिकियों के लिए अनुचित हैं, और संयुक्त राज्य अमेरिका को भी उसी तरह से टैरिफ लगाना चाहिए। रिपब्लिक नेता ने तर्क दिया है कि टैरिफ अमेरिकी उद्योगों को किसी भी अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाएंगे, संघीय सरकार के लिए धन जुटाएंगे और अन्य देशों से रियायतें मांगने के लिए एक आधार प्रदान करेंगे। हालांकि, अर्थशास्त्रियों ने कथित तौर पर सुझाव दिया है कि इन दरों पर व्यापक टैरिफ सिर्फ उल्टा पड़ सकता है।
दुनियाभर के कारोबार होंगे प्रभावित
पारस्परिक टैरिफ का असर आम तौर पर ज्यादा कीमतों के जरिये उपभोक्ताओं तक पहुंचता है और साथ ही, अगर उनकी लागत बढ़ती है और बिक्री घटती है, तो दुनिया भर के कारोबार काफी प्रभावित होंगे। आयात करों के साथ-साथ भविष्य के व्यापार को लेकर अनिश्चितता ने पहले ही वित्तीय बाजारों को नाराज कर दिया है और उपभोक्ताओं का भरोसा कम हो गया है। यह तय करना ट्रम्प पर निर्भर है कि क्या टैरिफ लगाए जाएं। सभी देशों पर पारस्परिक टैरिफ से लेकर, मेक्सिको और कनाडा पर विलंबित 25% टैरिफ लागू करने और लकड़ी, तांबे, फार्मास्यूटिकल्स और माइक्रोचिप्स पर टैरिफ तक सब कुछ प्रस्तावित किया गया है। ट्रम्प ने पहले ही ऑटो टैरिफ की घोषणा कर दी है जो 3 अप्रैल से लागू होने वाले हैं। ऑटो टैरिफ से अमेरिकी कार बाजार में कीमतें बढ़ने की संभावना है। विदेशी कारों के लिए लोगों को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
2 अप्रैल को क्या होगा?
डोनाल्ड ट्रंप की 2 अप्रैल को लेकर क्या योजना है, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन हर देश से आने वाले सभी सामानों पर पारस्परिक शुल्क लगाया जाएगा। ये शुल्क संभवतः दूसरे देशों द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों के साथ-साथ उनके मूल्य वर्द्धित करों और घरेलू कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी को भी दर्शा सकते हैं। ट्रंप के व्यापार और विनिर्माण के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने ‘फॉक्स न्यूज संडे’ को बताया कि कुल मिलाकर शुल्कों से 600 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है, जिसका मतलब है कि औसत दर 20 प्रतिशत होगी। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने पारस्परिक टैरिफ के जरिये यूरोपीय संघ, भारत, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और दूसरे देशों पर टैक्स लगाने के बारे में अपने विचार व्यक्त किए थे।
व्यापारिक साझेदारों के प्रति बहुत दयालु होंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि जब वह इस सप्ताह और टैरिफ का अनावरण करेंगे तो वे अपने व्यापारिक साझेदारों के प्रति बहुत दयालु होंगे। टैरिफ से वैश्विक उथल-पुथल का जोखिम होगा, क्योंकि वे अनुचित व्यापार असंतुलन को संबोधित करना चाहते हैं। ट्रम्प मंगलवार रात तक यह घोषणा कर सकते हैं कि वास्तव में क्या पारस्परिक टैरिफ लगाए जाएंगे। खबर में कहा गया है कि ट्रम्प और अधिक क्षेत्र-विशिष्ट शुल्कों का भी अनावरण कर सकते हैं।
ट्रम्प के ये टैरिफ भी होंगे लागू
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वेनेज़ुएला से तेल या गैस खरीदने वाले किसी भी देश से सभी आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ बुधवार से लागू होगा, जिसमें वे खुद भी शामिल हैं। ऑटो आयात पर ट्रम्प का 25 प्रतिशत टैरिफ गुरुवार से वसूला जाएगा, जबकि पूरी तरह से आयातित कारों पर आधी रात से कर लागू होगा। ये टैरिफ आने वाले हफ्तों में लागू ऑटो पार्ट्स पर भी लागू होने जा रहे हैं, जो 3 मई तक लागू रहेंगे। व्हाइट हाउस को इन नए शुल्कों से 100 बिलियन डॉलर का राजस्व मिलने की उम्मीद है।
भारत पर क्या होगा असर
भारत का अमेरिका को निर्यात 30 क्षेत्रों में होता है, जिसमें से छह कृषि क्षेत्र में और 24 उद्योग क्षेत्र में हैं, प्रत्येक को अलग-अलग टैरिफ प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक निर्यातक फार्मास्युटिकल क्षेत्र है, जिसकी कीमत 12.72 अरब अमेरिकी डॉलर है, 10.90 प्रतिशत टैरिफ अंतर का सामना कर रहा है, जिससे जेनेरिक दवाओं और विशेष दवाओं की लागत बढ़ रही है। कुछ सेक्टर पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा क्योंकि अमेरिका पहले से ही हाई टैरिफ लगा रहा है। 3.33 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के अयस्कों, खनिजों और पेट्रोलियम पर निगेटिव शुल्क अंतर – 4.36 प्रतिशत है, यानी कोई नया शुल्क नहीं लगाया जाएगा। इसी तरह, 4.93 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात वाले परिधानों पर – 4.62 प्रतिशत का अंतर है, जिससे शुल्क नहीं बदलेगा।
कनाडा मैक्सिको दे चुके हैं ये जवाब
अमेरिकी पारस्परिक टैरिफ को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने चंद रोज पहले ही कहा है कि कनाडा का अमेरिका के साथ पुराना रिश्ता, जो हमारी अर्थव्यवस्थाओं के गहन एकीकरण और कड़ी सुरक्षा और सैन्य सहयोग पर आधारित था, खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि कनाडा जवाबी टैरिफ के साथ जवाब देगा जिसका अमेरिका पर अधिकतम प्रभाव होगा। ट्रम्प ने बुधवार को घोषणा की कि वह आयातित वाहनों और वाहन भागों पर 25% कर लगाएंगे।
मेक्सिको के राष्ट्रपति ने भी कुछ दिन पहले कहा कि मेक्सिको अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ का जवाब अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ के साथ देगा। मेक्सिको अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरू किए गए व्यापार युद्ध को कम करने की उम्मीद करता है। राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि सरकार प्रतीक्षा करने जा रही है क्योंकि उन्होंने इस सप्ताह ट्रम्प से बात करने की योजना बनाई थी। मेक्सिको की सरकार ने जनवरी से कहा है कि उसके पास इस परिदृश्य के लिए एक योजना तैयार है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ के खतरे के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में हलचल है, ऐसे में मेक्सिको ने राष्ट्रीय उद्योग को बढ़ावा देने की उम्मीद में ‘मेड इन मेक्सिको’ अभियान शुरू किया है।
चीन ने भी दी है प्रतिक्रिया
चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में निकट सहयोग करने पर सहमति जताई है। चीन ने कहा है कि दुनिया की बुनियादी समझ रखने वाला कोई भी व्यक्ति यह देख सकता है कि हमारे सहयोगियों पर ट्रम्प के लगातार हमले केवल अमेरिका को अलग-थलग करेंगे और चीन को मजबूत करेंगे।