‘कुमकुम लगाने और कलावा बांधने से बचें’, DMK नेता ने कार्यकर्ताओं को दी सलाह


DMK नेता ए राजा ने फिर खड़ा किया विवाद।
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DMK नेता ए राजा ने फिर खड़ा किया विवाद।

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड मुनेत्र कषगम (DMK) के वरिष्ठ नेता ए राजा ने एक बार फिर से ऐसा बयान दिया है जिससे राजनीतिक घमासान शुरू हो सकता है। ए राजा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को  पार्टी की धोती पहनते समय ‘कुमकुम’ लगाने और कलावा बांधने से बचने की सलाह दी है। हालांकि, ए राजा ने यह स्पष्ट किया कि वह ईश्वर की पूजा करने से मना नहीं कर रहे। आइए जानते हैं कि ए राजा ने इस बारे में और क्या कुछ कहा है।

क्या बोले ए राजा?

डीएमके के नेता ए राजा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा विचारधारा के बिना किसी राजनीतिक दल का केवल विनाश ही होगा। ए राजा ने इसके लिए अन्नाद्रमुक यानी AIADMK का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि वह भगवान में आस्था रखने के विरोध में नहीं है। पार्टी के संस्थापक सी.एन.अन्नादुरई ने कहा था कि गरीबों की मुस्कान में ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। राजा ने नीलगिरि जिले में कहा- ‘‘लेकिन जब आप पोट्टू (कुमकुम) लगाते हैं और कैइरू (कलावा) बांधते हैं और जब संघी (आरएसएस के लोग) भी ऐसा करते हैं, तो अंतर करना मुश्किल हो जाता है।’’

क्या बोले डीएमके के अन्य नेता?

ए राजा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कम से कम छात्र शाखा से जुड़े लोगों को पोट्टू हटा देना चाहिए। राजा ने आगे कहा कि वह भगवान की पूजा करने से मना नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता माथे पर विभूति लगाते हैं, तो उन्हें इसे मानना चाहिए। राजा के इस बयान को लेकर सवाल पर डीएमके नेता और हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा कि पार्टी के प्रमुख एमके स्टालिन ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। ये राजा के निजी विचार हैं। बता दें कि मंत्री पीके शेखर बाबू हमेशा कुमकुम लगाते हैं।

भाजपा ने किया पलटवार?

डीएमके नेता ए राजा द्वारा कुमकुम को लेकर दिए गए बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने डीएमके की निंदा की है। भाजपा ने राजा पर हिंदू धर्म को तुच्छ बताने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा- “डीएमके धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाना कब बंद करेगी। डीएमके के नेता अब एक कदम आगे बढ़ गए हैं और छात्र संगठन से तिलक या कुमकुम न लगाने को कहा रहे हैं।”

कौन हैं एक राजा?

ए राजा डीएमके पार्टी के महासचिव हैं और तमिलनाडु की नीलगीरि लोकसभा सीट से सांसद हैं। राजा ने साल 2007 से 2010 तक भारत के केंद्रीय संचार मंत्री का पद भी संभाला है। बता दें कि ए राजा इससे पहले भी कई बार विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। राजा ने इससे पहले सनातन धर्म की तुलना एचआईवी/एड्स से करके विवाद खड़ा कर दिया था। (इनपुट: भाषा)

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