आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा करीब 60 देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को सेल्फ गोल करार दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसका भारत पर काफी कम असर पड़ेगा। राजन का मानना है कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम ‘उल्टा पड़ेगा’ और अंततः अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ही नुकसान पहुंचाएगा। उनका तर्क है कि टैरिफ लगाने से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ेंगी, जिससे डिमांड में कमी आएगी और आर्थिक ग्रोथ प्रभावित होगी।
भारत पर कम पड़ेगा असर
राजन के अनुसार, भारत पर इस टैरिफ का प्रभाव ‘कम’ रहेगा। इसका कारण यह है कि अमेरिका ने कई देशों पर टैरिफ लगाए हैं, जिससे भारतीय निर्यातकों को कुछ हद तक राहत मिलेगी, क्योंकि अमेरिकी उपभोक्ताओं के पास सीमित विकल्प होंगे।
भारत में नहीं बढ़ेगी महंगाई
राजन का मानना है कि भारत पर अमेरिकी टैरिफ से महंगाई में तेज वृद्धि नहीं होगी, क्योंकि भारत कम एक्सपोर्ट करेगा, जिससे घरेलू बाजार में वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ेगी।
भारत के लिए अवसर
राजन ने सुझाव दिया है कि भारत को अपने टैरिफ कम करने चाहिए, जिससे उसे अमेरिकी टैरिफ को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही भारत को आसियान, जापान, अफ्रीका और यूरोप के दूसरे देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। राजन ने कहा कि चीन के साथ बराबरी का संबंध स्थापित करना और पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना भी महत्वपूर्ण है।
क्षेत्रीय सहयोग
राजन ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) जैसे क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया क्षेत्रीय गुटों में बंट रही है, दक्षिण एशिया को अलग-थलग नहीं रहना चाहिए।