अफगानों के पीछे पड़ा पाकिस्तान! इस वजह से बच्चों और महिलाओं समेत 6700 लोगों को ले जाया गया ‘ट्रांजिट’ कैंप


पाकिस्तान से अफगान नागरिकों को बाहर निकालने की कवायद हुई तेज
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पाकिस्तान से अफगान नागरिकों को बाहर निकालने की कवायद हुई तेज

इस्लामाबाद: पाकिस्तान अपने यहां रहने वाले अफगानियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहा है। सरकार ने पाकिस्तान से अफगान नागरिकों को बाहर निकालने की कवायद तेज कर दी है। पाकिस्तान सरकार ने एक अप्रैल से अब तक 6,700 अफगान नागरिकों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें निर्वासित किया है। पाकिस्तान सरकार ने निर्धारित समय सीमा खत्म होने के बाद इस तरह का रुख अपनाया है।  

अफगानियों के ले जाया गया ‘ट्रांजिट’ कैंप

मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि निर्धारित 31 मार्च की समय सीमा खत्म होने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार ने बताया कि निर्वासित लोगों में 2,874 पुरुष, 1,755 महिलाएं और 2,071 बच्चे शामिल हैं। इन लोगों को पेशावर के पास लांडी कोटल स्थित ‘ट्रांजिट’ कैंप में ले जाया गया। कैंप में इन सभी को निर्वासित करने से पहले जरूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। 

पाकिस्तान से अफगान नागरिकों को बाहर निकालने की कवायद हुई तेज

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पाकिस्तान से अफगान नागरिकों को बाहर निकालने की कवायद हुई तेज

2023 में शुरू हुई थी निर्वासन की प्रक्रिया

बता दें कि, पाकिस्तान सरकार की ओर से सितंबर 2023 में निर्वासन का पहला चरण शुरू किया गया था। पहले चरण के तहत 70,494 अफगान परिवार यानी 4,69,159 व्यक्ति तोरखम बॉर्डर के जरिए अपने वतन लौटे थे। पहले चरण के तहत लौटे अफगानों की कुल संख्या 8,00,000 से अधिक थी। 

क्यों पाकिस्तान पहुंचे थे अफगानी नागरिक

गौरतलब है कि,  पूर्व सोवियत संघ की सेनाओं ने 1980 के दशक में आक्रमण किया था। जिसके बाद बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के चलते अफगानों ने पाकिस्तान में शरण लेना शुरू किया था। पाकिस्तान में रहने वाले अफगान शरणार्थियों की सही संख्या ज्ञात नहीं है। विभिन्न अनुमानों के अनुसार, लगभग 25 लाख अफगान नागरिक पाकिस्तान में रह रहे हैं। (भाषा)

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