केरल यूनिवर्सटी में छात्रसंघ चुनावों में बहा खून, आपस में भिड़ गए इन दो पार्टियों के छात्र संगठन


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केरल यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों के बीच जमकर बवाल हुआ जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।

तिरुवनंतपुरम: केरल यूनिवर्सिटी में ‘सीनेट’ चुनाव के नतीजों के बाद गुरुवार को छात्र संगठनों में हिंसक झड़प देखने को मिली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस समर्थित केरल छात्र संघ यानी कि KSU और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी कि SFI के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर बवाल हुआ। हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि झड़प के बाद यूनिवर्सिटी मुख्यालय में कई घंटों तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई छात्र घायल हो गए।

मतगणना प्रक्रिया के दौरान शुरू हुआ संघर्ष

छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा का असर पलायम की आसपास की सड़कों तक फैल गया, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था भी प्रभावित हुई। टीवी चैनलों पर प्रसारित दृश्यों में परिसर के अंदर और बाहर पथराव की घटनाएं देखी गईं। सूत्रों के मुताबिक, मतगणना प्रक्रिया के दौरान तनाव बढ़ने के साथ ही संघर्ष शुरू हो गया। नतीजों में SFI ने 7 में से 6 सामान्य सीटों पर कब्जा किया, जबकि KSU ने यूनिवर्सिटी यूनियन में उपाध्यक्ष का पद हासिल किया। इसके बाद हिंसा भड़क उठी और MLA हॉस्टल तक फैल गई, जहां दोनों गुटों के बीच जमकर पथराव हुआ। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान यूनिवर्सिटी के सामने सड़क को भी जाम कर दिया।

KSU और SFI ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

दोनों छात्र संगठनों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। KSU का दावा है कि प्रमुख ‘सीनेट’ और छात्र परिषद पदों पर हार के बाद SFI कार्यकर्ता हिंसक हो गए। वहीं, SFI ने आरोप लगाया कि KSU कार्यकर्ताओं ने कैंपस के बाहर से पथराव शुरू कर हिंसा को भड़काया। दोनों पक्षों ने पुलिस पर भी पक्षपात का आरोप लगाया। KSU ने कहा कि पुलिस ने SFI के साथ मिलकर उनके कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, जबकि SFI ने दावा किया कि उनके एक प्रदर्शनकारी धनेश को पुलिस के हेलमेट से चोट लग गई जिससे उसके सिर से खून बहने लगा। मतगणना के दौरान कैंपस के अंदर SFI और बाहर KSU के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया

KSU के राज्य अध्यक्ष एलॉयसियस जेवियर ने कहा कि 20 साल में पहली बार उनकी संगठन ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीटों, जिसमें ‘सीनेट’ पद शामिल हैं, पर जीत हासिल की। उन्होंने आरोप लगाया कि SFI ने चुनाव को विफल करने के लिए अलोकतांत्रिक तरीके से हिंसा फैलाई। दूसरी ओर, SFI नेता शिवप्रसाद ने कहा कि KSU और युवा कांग्रेस के सदस्यों ने बाहर से पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने परिसर में उनके कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया। वहीं, छावनी पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

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