केंद्र सरकार में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) ने CGHS (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) में बड़ा बदलाव किया है। मंत्रालय के नए दिशानिर्देश के अनुसार, अगर किसी सरकारी कर्मचारी के वेतन से सीजीएचएस के तहत नियमित रूप से मासिक अंशदान काटा जा रहा है, तो उसे सीजीएचएस सेवा कार्ड देना अनिवार्य है, भले ही उसने कार्ड के लिए आवेदन नहीं किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए सर्कुलर में सभी मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि जिन कर्मचारियों के वेतन से सीजीएचएस अंशदान काटा जा रहा है, उन्हें सीजीएचएस कार्ड जारी किए जाएं। मेमोरेंडम में कहा गया है कि कई मामलों में कर्मचारी सीजीएचएस कार्ड के लिए आवेदन नहीं करते हैं, लेकिन उनका मासिक अंशदान कटता रहता है। ऐसे में उन्हें सीजीएचएस की सुविधाओं से वंचित करना अनुचित है।
कार्ड के लिए अलग से आवेदन करना जरूरी नहीं
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सीजीएचएस (CGHS) एक अनिवार्य योजना है और जिन कर्मचारियों का निवास स्थान सीजीएचएस डिस्पेंसरी क्षेत्र में आता है, उनके वेतन से अंशदान स्वतः ही शुरू हो जाता है। ऐसे मामलों में कार्ड के लिए अलग से आवेदन करना आवश्यक नहीं माना जाएगा। इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रशासनिक शाखाओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि संबंधित कर्मचारियों को सीजीएचएस कार्ड स्वचालित रूप से जारी किए जाएं। ऐसे मामलों में जहां कर्मचारी बार-बार अधिसूचना के बावजूद आवेदन करने में विफल रहते हैं, जिम्मेदार अधिकारी को सूचित किया जाना चाहिए ताकि उचित कार्रवाई शुरू की जा सके।
सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी राहत
इस कदम से कई केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है जो सीजीएचएस में योगदान दे रहे हैं लेकिन उन्हें संबंधित सेवा कार्ड नहीं मिला है। यह इन कार्डों को जारी करने की सुविधा प्रदान करने की जिम्मेदारी विभाग पर डालता है, जिससे स्वास्थ्य लाभ तक पहुंचने में नौकरशाही की बाधाएं दूर होगी। सीजीएचएस कार्ड नियमों का संशोधन कर्मचारी कल्याण पर सरकार द्वारा दिए जाने वाले महत्व और बेहतर सेवा वितरण के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।