वक्फ कानून विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा पर बोला सुप्रीम कोर्ट, जानें सुनवाई के दौरान क्या कहा


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सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानूनों के विरोध में हो रही हिंसा पर चिंता जताई है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर दायर हुई याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करते हुए एक बेहद ही अहम टिप्पणी की। अदालत ने नए वक्फ कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शनों के दौरान हो रही हिंसा को ‘बहुत व्यथित करने वाला’ करार दिया। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने हाल ही में संशोधित किए गए वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

‘अगर मामला यहां लंबित है तो ऐसा नहीं होना चाहिए’

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘एक बात जो बहुत व्यथित करने वाली है, वह है यहां हो रही हिंसा। अगर मामला यहां लंबित है तो ऐसा नहीं होना चाहिए।’ केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वे सोचते हैं कि इससे व्यवस्था पर दबाव बनाया जा सकता है।’ हालांकि, एक मुस्लिम संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा, ‘कौन किस पर दबाव बना रहा है, हमें नहीं पता।’ इस पर चीफ जस्टिस ने विधेयक के कुछ ‘सकारात्मक बिंदुओं’ को रेखांकित करने की बात कही।

वक्फ विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुईं हिंसा की कई घटनाएं

बता दें कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में 14 अप्रैल को वक्फ कानून से जुड़ी हिंसा की ताजा घटनाएं सामने आईं हैं। वहीं, मुर्शिदाबाद जिले में 11 और 12 अप्रैल को सुती, समसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर जैसे क्षेत्रों में सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। पुलिस के मुताबिक, मुर्शिदाबाद में स्थिति अब काफी हद तक नियंत्रण में है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था। इस समय मुर्शिदाबाद में बड़ी संख्या में केंद्रीय बल के जवान तैनात हैं और अलग-अलग इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। (भाषा से इनपुट्स के साथ)

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