
रोहित शर्मा और बाबर आजम
भारत और पाकिस्तान बीच रिश्ते एक बार फिर से तल्ख हो गए हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं। इस हमले में अब तक 26 लोगों के मारे जाने की खबर है। भारत की सरकार ने पाकिस्तान को लेकर कुछ अहम फैसले भी लिए हैं। इस बीच अब सवाल उठना शुरू हो गया है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच भी नहीं खेला जाएगा। पहलगाम हमले के बाद बीसीसीआई सचिव राजीव शुक्ला ने इस पूरे मामले पर अहम बयान दिया है।
राजीव शुक्ला बोले, सरकार के रुख पर ही चलेगी बीसीसीआई
बीसीसीआई सचिव राजीव शुक्ला ने पहलगाम हमले की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये हमला निंदनीय है और भारत अपना वही रुख जारी रखेगा, जो पहले था। भारत बनाम पाकिस्तान मैच को लेकर राजीव शुक्ला ने कहा कि जो सरकार कहेगी, बीसीसीआई वही करेगा। एक चैनल से बात करते हुए शुक्ला ने कहा कि भारतीय टीम पाकिस्तान के साथ आपसी सीरीज नहीं खेलती है, क्योंकि भारत सरकार का यही रुख है। आगे भी भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली जाएगी। इसके साथ ही राजीव शुक्ला ने ये भी कहा कि आईसीसी टूर्नामेंट में भारत को पाकिस्तान के साथ खेलना पड़ता है। ये सब आईसीसी टूर्नामेंट की वजह से होता है।
चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया नहीं गई थी पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कई साल से केवल आईसीसी और एसीसी टूर्नामेंट में ही आमना सामना होता है। जब पिछले साल पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी दी गई थी, तब भी भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं गई थी। भारतीय टीम के सारे मुकाबले में यूएई में खेले गए थे और भारत ने चुंकि फाइनल में भी जगह बनाई थी, इसलिए फाइनल भी दुबई में हुआ था। पाकिस्तान टीम अपने घर पर ही खेले गए इस टूर्नामेंट के पहले ही राउंड से बाहर हो गया था। इसको लेकर उसकी काफी फजीहत भी हुई थी।
भारत सरकार ने पाकिस्तान को लेकर अपना सख्त रुख
इस बीच पहलगाम हमले में पाकिस्तान के हाथ को देखते हुए भारत की सरकार ने सिंधु जल समझौता भी खत्म कर दिया है और भारत में पाकिस्तान उच्चायोग में जो कर्मचारी हैं, उनकी भी संख्या कम करने की बात कही है। भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तानी नागरिकों को भारत का वीजा भी नहीं दिया जाएगा। जो भी पाकिस्तान नागरिक इस वक्त भारत में हैं, वे 48 घंटे के भीतर देश छोड़ दें। हो सकता है कि आने वाले वक्त में कुछ और अहम व बड़े फैसले इस पूरे मामले को देखते हुए लिए जाएं।