‘पीएम मोदी को अमेरिका का फुल सपोर्ट’, यूएस के ताजा बयान से पाकिस्तान में मची खलबली


अमेरिका ने किया पीएम मोदी का सपोर्ट।
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अमेरिका ने किया पीएम मोदी का सपोर्ट।

वाशिंगटन डीसी: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी बढ़ गई है। इस बीच अमेरिका के विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने यूएस की ओर से पीएम मोदी को फुल सपोर्ट दिए जाने की बात कही है। वहीं अमेरिका की ओर से जारी इस बयान के बाद से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्रंप प्रशासन से पूरा समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि वे पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों के साथ लगातार संपर्क में हैं। 

‘पीएम मोदी को पूरा समर्थन’

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा, “हम बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। कल, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की। जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह पीएम मोदी से कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है और प्रधानमंत्री मोदी को हमारा पूरा समर्थन है।” 

दोनों देशों की सरकारों से संपर्क

टैमी ब्रूस ने आगे कहा, “सेक्रेटरी ने दोनों देशों को एक जिम्मेदार समाधान की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे दक्षिण एशिया में दीर्घकालिक शांति और क्षेत्रीय स्थिरता बनाई जा सके। जैसा कि मैंने उल्लेख किया है, हम दोनों देशों की सरकारों के साथ कई स्तरों पर संपर्क में हैं।” वहीं जब उनसे यह पूछा गया कि क्या दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के आह्वान पर ध्यान दिया जा रहा है? इस पर टैमी ब्रूस ने कहा, “हम दोनों पक्षों से एक जिम्मेदार समाधान की मांग कर रहे हैं।”

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ी टेंशन

बता दें कि अमेरिका का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम हमले के बाद से लगातार टेंशन बढ़ रही है। इस बीच पाकिस्तान की ओर से लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा रहा है। वहीं भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। इसमें सिंधु जल संधि को स्थगित रखना और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करना शामिल है। भारत ने उच्चायोगों की ताकत में कटौती करने का भी फैसला लिया है। (एएनआई इनपुट्स के साथ)

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