
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भारतीय सेना की प्रेस ब्रीफ।
भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार-बुधवार को देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाते हुए मिसाइल अटैक किया है। इस हमले में बड़ी संख्या में आतंकी मारी गई है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, कुल मिलाकर, नौ (9) स्थलों को निशाना बनाया गया है। भारत के इस अभियान को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है और जानकारी के मुताबिक, ये ऑपरेशन सेना, नौसेना और वायुसेना का संयुक्त अभियान है। अब भारतीय सेना इस पूरे ऑपरेशन को लेकर प्रेस ब्रीफ कर रही है। आइए जानते हैं इस प्रेस ब्रीफ के सभी अपडेट…
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में प्रेस ब्रीफ भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह देंगी। अभी पूरे मामले पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी बयान दे रहे हैं।
22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतकियों ने पहलगाम में पर्यटकों पर बर्बर हमला किया और 25 भारतीय पर्यटकों और 1 नेपाली पर्यटक लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है। मुंबई में 26/11 हमले के बाद ये सबसे गंभीर हमला था। ये काफी गंभीर मामला था। हत्या के इस तरीके से परिवार के लोगों को जनबूझकर आघात दिया गया है और उन्हें कहा गया कि इस बारे में संदेश पहुंचा दें। ये हमला जम्मू-कश्मीर के विकास को रोकना था। पर्यटन को नुकसान पहुंचाना था। बीते साल सवा 2 करोड़ पर्यटक आए थे।
हमले का ये तरीका जम्मू-कश्मीर और पूरे देश में दंगे भड़काने का प्रयास था। TRF ने इसकी जिम्मेदारी ली है जो कि लश्कर से जुड़ा हुआ है। पहलगाम आतंकी हमले की जांच से आतंकियों के संबंध पाकिस्तान से उजागर हुए हैं। हमलावरों की पहचान की गई और उनकी जानकारी जुटाई गई। हमले की रूपरेखा पाकिस्तान से जुड़ी हुई है। पाकिस्तान आतंकियों के पनाहगार के रूप में पहचान बना चुका है। पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर वैश्विक मंचों को गुमराह किया है। साजिद मीर केस में पाकिस्तान ने आतंकी को मृत घोषित कर दिया था लेकिन वह जिंदा पाया गया।
पहवगाम हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश देखा गया। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़ कदम उठाए गए। हालांकि, ये जरूरी था कि पहलगाम हमले के आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए। लेकिन पाकिस्तान ने आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं की और आरोप लगाता रहा। भारत को खबर मिली कि ये आतंकी संगठन भारत के खिलाफ और कार्य कर सकते हैं।
भारत की कार्रवाई आतंकवाद के ढ़ांचे को समाप्त करने के लिए की गई है। ये एक नपी तुली कार्रवाई है। यूएन ने भी पहलगां आतंकी हमले के आरोपियों-दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की बात पर जोर दिया था।