
एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को अपने एक बयान में अपने राजनीतिक विरोधी, शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष किया। शिंदे ने कहा कि ठाकरे यूरोप में छुट्टियां मना रहे हैं, जबकि उनके कार्यकर्ता ‘कोमा’ में हैं। उन्होंने यह टिप्पणी पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान की, जहां उन्होंने 2022 में हुए विद्रोह का जिक्र किया, जिसकी वजह से शिवसेना में विभाजन हुआ था।
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि भगवद गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि स्वाभिमानी व्यक्ति अन्याय के खिलाफ विद्रोह करते हैं। उन्होंने कहा, “हमारा विद्रोह सत्ता के लिए नहीं था, बल्कि धनुष और बाण के प्रतीक की रक्षा और बालासाहेब (ठाकरे) के आदर्शों को कायम रखने के लिए था। सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन एक बार खोई हुई ईमानदारी को वापस नहीं पाया जा सकता। हमने पद के लिए विद्रोह नहीं किया, हम सिद्धांतों के लिए खड़े हुए।”
मिलिंद देवड़ा ने भी साधा था निशाना
इससे पहले शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने रविवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब पहलगाम में गोलियां चल रही थीं, तब उद्धव ठाकरे यूरोप में छुट्टियां मना रहे थे। देवड़ा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि इसके विपरीत शिवसेना प्रमुख एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पीड़ितों की मदद की। मुंबई से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य रह चुके देवड़ा ने लिखा, “धरतीपुत्रों से लेकर भारत के पर्यटकों तक, ठाकरे परिवार कितना गिर गया है। जब पहलगाम में गोलियां चल रही थीं, तब वे यूरोप में छुट्टियां मना रहे थे। महाराष्ट्र दिवस पर वे बिना कुछ कहे गायब हो गए। कोई बयान नहीं। कोई एकजुटता नहीं।” देवड़ा ने कहा, “शिंदे ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, पीड़ितों के साथ खड़े रहे और हमारे नायकों को सम्मानित किया।” देवड़ा ने चुटकी लेते हुए कहा कि महाराष्ट्र को छुट्टियों पर जाने वाले अंशकालिक नेताओं की नहीं, बल्कि ड्यूटी पर तैनात योद्धाओं की जरूरत है।
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