
एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बौखलाए पाकिस्तान ने गुरुवार रात भारत के सैन्य ठिकानों के साथ कई इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे भारतीय वायुसेना (IAF) ने नाकाम कर दिया। वायुसेना के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (Integrated Air Command & Control System- IACCS) द्वारा नियंत्रित वायु रक्षा के माध्यम से किया गया।
वायुसेना ने हमलों का मुकाबला करने के लिए Long Range Loitering Munitions का इस्तेमाल शामिल था। इसके अलावा, इनमें इगला मैनपाड्स, काउंटर मानवरहित विमान प्रणाली, SNS जैमर, जिप्सी जैमर, ECGNSS जैमर (ECGNSS- एन्हांस कैपेबिलिटी ग्लोबल नेविगेशन सिस्टम जैमर), सॉफ्ट एन हार्ड किल CUAS, जैमिंग राइफलें शामिल थीं।
क्या है IACCS की खासियत?
- यह सिस्टम जमीन पर लगे रडार, हवा में उड़ रहे विमान और दूसरी सुरक्षा प्रणालियों को आपस में जोड़ता है। इससे वायुसेना को पूरे हवाई क्षेत्र की जानकारी मिलती है।
- यह सिस्टम पलक झपकते ही जरूरी जानकारी को कैप्चर कर लेता है, जिससे तुरंत फैसले लेने में मदद मिलती है और किसी भी खतरे का तुरंत जवाब दिया जा सकता है।
- अलग-अलग तरह के विमानों और सुरक्षा उपकरणों के बीच यह सिस्टम बेहतर तालमेल बनाता है।
- यह सिस्टम हमारी हवाई सीमा को दुश्मनों से बचाने में एक मजबूत सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। इससे किसी भी तरह के हवाई हमले को नाकाम करना आसान हो जाता है।
- IACCS को भारत में ही विकसित किया गया है।
ये भी पढ़ें-