
ख्वाजा आसिफ
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस बीच राजस्थान के जैसलमेर में तो दोनों देशों के सेनाएं आमने तक आ चुकी हैं। इस वक्त युद्ध जैसे हालात तो बन रहे हैं, लेकिन फिर भी स्थिति को नियंत्रण में किया जा सकता है। भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु बम है, इसलिए पूरी दुनिया की नजर इस पर बनी हुई है। तीन दिन के भीतर ही लगता है कि पाकिस्तान ने हथियार डाल दिए हैं। इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू में साफ कर दिया है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों के विकल्प पर विचार नहीं कर रहा है। हालांकि वे अपनी आदत के अनुसार गीदड़ भभकी देने से भी नहीं चूके।
ख्वाजा आसिफ बोले, परमाणु हथियारों के विकल्प पर विचार नहीं
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले तीन दिन से करीब करीब युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। हालांकि पाकिस्तान को भयंकर नुकसान इतने ही वक्त में झेलना पड़ा है। अब पाकिस्तान ये चाहता है कि कोई देश उनके बीच मध्यस्था के लिए आए, ताकि इस हार से उन्हें बचाया जा सके। अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि वे परमाणु हथियारों के विकल्प पर विचार नहीं कर रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने शनिवार को कहा कि परमाणु हथियार का विकल्प अभी उनके सामने नहीं है। आसिफ ने जियो न्यूज से कहा कि फिलहाल परमाणु विकल्प पर विचार नहीं किया जा रहा है। हालांकि, अगर ऐसी स्थिति आती है तो निरीक्षकों पर भी इसका असर पड़ेगा। वे अपनी आदत से मजबूर हैं, उन्हें मालूम है कि वे बैकफुट पर हैं, इसके बाद भी गीदड़ भभकी देने से नहीं चूक रहे हैं।
ख्वाजा आसिफ ने माना पाकिस्तान के पास विकल्प बहुत कम
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि वह दुनिया को बता रहे हैं कि यह केवल इस क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं रहेगा, यह बहुत व्यापक हो सकता है। यह विनाश है। उन्होंने ये भी माना कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए उनके पास विकल्प कम होते जा रहे हैं। आसिफ ने यह भी साफ किया कि राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण यानी एनसीए की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। एनसीए पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के बारे में परिचालन संबंधी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है।
मध्यस्था के लिए तैयार हुए रक्षा मंत्री
ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हम अगले लेवल के लिए भी तैयार हैं, लेकिन अगर दुनिया मेडिएट करती है तो इसके लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने गार्ड् डाउन नहीं करेंगे। बोले कि दो एटमी दो ताकतों की जंग दुनिया के लिए फिक्र की बात हो सकती है। इसलिए जो देश इस वक्त तामशबीन बने हुए हैं, वे भी इस सूरत ऐ हाल में लपेटे जाएंगे।