
कंवरलाल मीणा
बारां-अंता विधायक कंवरलाल मीणा को 20 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया गया है। ऐसे में उनकी विधायकी भी जा सकती है। कांग्रेस ने उनकी विधायकी रद्द करने की मांग की है। ट्रायल कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। एसडीएम पर पिस्टल तानने और राजकार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में हाईकोर्ट ने 3 साल की सजा बरकरार रखते हुए तुरंत सरेंडर का आदेश दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी, लेकिन सेशन कोर्ट के फैसले के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बारां-मनोहरथाना के 20 साल पुराने मामले में अंता विधायक कंवरलाल मीणा को 3 साल कठोर कारावास की सजा हाइकोर्ट ने सुनाई थी। आरोप है कि मीणा ने खाताखेड़ी में उपसरपंच के चुनाव के दौरान रिपोल की घोषणा नहीं करने पर अधिकारी पर पिस्टल तानकर जान से मारने की धमकी दी थी।
कांग्रेस ने की विधायकी रद्द करने की मांग
कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अंता के विधायक कंवर लाल मीणा के कारावास की सजा को राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा यथावत रखने पर उनकी विधानसभा की सदस्यता निरस्त करने की मांग की है। झालावाड़ की अकलेरा एडीजे (अतिरिक्त सत्र जिला न्यायाधीश) अदालत ने 14 दिसंबर 2020 को 20 साल पुराने मामले में कंवरलाल को सरकारी काम में बाधा डालने, सरकारी अधिकारियों को धमकाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी।
सत्र अदालत ने दोषी करार दिया
मीणा को निचली अदालत ने मामले में बरी कर दिया था। लेकिन झालावाड़ की सत्र अदालत ने इस फैसला पलटते हुए कंवरलाल मीणा को दोषी करार दिया था। आज उच्च न्यायालय ने उनकी निगरानी याचिका खारिज कर सत्र अदालत द्वारा सुनायी गयी सजा को बरकरार रखा। डोटासरा और जूली ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि नियमानुसार दो वर्ष से अधिक कारावास की सजायाफ्ता व्यक्ति विधानसभा की सदस्यता के योग्य नहीं होता है जिस कारण अंता निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा की सदस्यता को अविलंब निरस्त किया जाए।
कांग्रेस महासचिव का बयान
प्रदेश कांग्रेस महासचिव एवं मीडिया प्रभारी स्वर्णिम चतुर्वेदी ने एक बयान में बताया कि एडीजे (झालावाड़) द्वारा सुनायी गयी तीन वर्ष के कारावास की सजा शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय ने यथावत रखा है। कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि उच्च न्यायालय के फैसले के पश्चात अंता विधायक मीणा विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य हो गए हैं, जिस कारण उनकी सदस्यता अविलंब निरस्त करने का आदेश पारित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मीणा की विधानसभा सदस्यता को अविलंब निरस्त किया जाए।