सीजफायर के बाद एक्ट्रेस ने बताया पीठ में छुरा घोंपने का इतिहास, नाना थे आर्मी अफसर, पाकिस्तानी कर्नल से थी दोस्ती


Celina Jaitly with family
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पिता, मां और भाई के साथ सेलिना जेटली।

भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव की स्थिति पैदा हुई जो सीजफायर के बाद थोड़ थम गई है। इस स्थिति में बॉलीवुड पूरी तरह से देश और सेना के साथ खड़ा रहा और इस ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन करता नजर आया। बॉलीवुड से लेकर टीवी इंडस्ट्री तक के सितारे इस पर अपनी राय रखते नजर आए। एक ओर सितारों की एकता देखने को मिली तो दूसरी ओर देश और सेना के लिए उनका सपोर्ट दिखा। सीजफायर के बाद कई भारतीय कलाकारों ने अपनी मंशा जाहिर की और सेना की वाहवाही करते हुए उन पर गर्व जाहिर किया। ऑस्ट्रिया में रह रहीं अभिनेत्री सेलिना जेटली ने भी इस पर अपना रिएक्शन साझा किया है। उन्होंने एक पुराना किस्सा साझा किया, जो उन्होंने अपने कर्नल नाना से सुना था। बता दें, एक्ट्रेस पिता और भाई भी आर्मी में अफसर हैं। 

एक्ट्रेस ने सुनाया नाना से जुड़ा किस्सा

सेलिना जेटली ने एक खास तस्वीर शेयर करते हुए अपना पक्ष सोशल मीडिया पर रखा है। उन्होंने इस तस्वीर में नजर आए लोगों से जुड़ा एक पर्सन किस्सा शेयर किया। इस तस्वीर में उनके नाना कर्नल ई फ्रांसिस और जनरल अयूब खान पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति एक साथ नजर आ रहे हैं। एक्ट्रेस ने बताया कि दोनों के बीच भाइयों जैसा रिश्ता था और दोनों करीबी दोस्त थे, लेकिन विभाजन के बाद दोनों दुश्मन बन गए और अपने-अपने देश की फौज के लिए लड़े। इसी दौरान उन्होंने बताया कि उनके नाना कहा करते थे कि पाकिस्तान का इतिहास छुरा घोंपने का रहा है। ऐसे में उन पर भरोसा करना नहीं चाहिए। 

बताया छुरा घोंपने का इतिहास

इस पोस्ट के कैप्शन में एक्ट्रेस ने लिखा, ‘पीठ में छुरा घोंपने का इतिहास- मेरे नाना कर्नल ई फ्रांसिस और जनरल अयूब खान पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति, शत्रुओं बनने से पहले भाई। पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करने से पीठ में छुरा घोंपने का इतिहास फिर दोहराया गया है। मेरे नाना, कर्नल एरिक फ्रांसिस, (राजरिफ) यहां एक युवा लेफ्टिनेंट (काले बाल, खाकी वर्दी में बैठे, दर्शक के दाईं ओर से दूसरे) के रूप में अपने तत्कालीन बहनोई, लेफ्टिनेंट कर्नल अयूब खान के बगल में बैठे हैं, जो बाद में पाकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति बने। द्वितीय विश्व युद्ध में वे दोनों बर्मा में इंपीरियल जापानी सेना के खिलाफ ब्रिटिश ध्वज के नीचे साथियों के रूप में लड़े थे। उन्होंने युद्ध के मैदान, कठिनाइयां और उस प्रकार की वफादारी साझा की जो केवल युद्ध की आग में ही पैदा होती है।’

यहां देखें पोस्ट

दोस्त से कैसे बने दुश्मन

इसी पोस्ट में सेलिना ने आगे लिखा, ‘फिर भी विभाजन नामक भाग्य के दुखद मोड़ ने इतिहास को उन्हें भाइयों से शत्रुओं में बदल दिया। 1965 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने भारत के विरुद्ध ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू किया, जिससे पूर्ण पैमाने पर युद्ध छिड़ गया। मेरे नानाजी अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए विपरीत दिशा में खड़े थे। वह युद्ध ताशकंद घोषणा के माध्यम से एक असहज शांति में समाप्त हो गया, इस ज्ञान के साथ कि शायद यह खत्म नहीं हुआ था।आज जब हम भारत-पाक तनाव का एक और अध्याय सामने आते देख रहे हैं तो मैं यह सोचने से खुद को नहीं रोक पा रहा हूं कि जवाबदेही की मांग और उसे लागू करने से पहले इतिहास को कब तक खुद को दोहराना पड़ेगा?’

एक्ट्रेस ने की सीमा पर रहने वालों से अपील

पोस्ट को खत्म करने से पहले एक्ट्रेस ने कहा, ‘विश्व को पाकिस्तानी प्रतिष्ठान को बार-बार अशांति को बढ़ावा देने, आतंकवाद को पनाह देने तथा हमारे क्षेत्र को संघर्ष की ओर धकेलने के लिए जवाबदेह ठहराना चाहिए। सीमा पार जो लोग शांति की मांग कर रहे हैं, उनसे मैं कहना चाहती हूं कि सच्ची शांति जिम्मेदारी के साथ आती है। अपने नेताओं से जवाबदेही की मांग करें, उन्हीं हाथों से जिन्होंने बार-बार स्थायी शांति की आशा को नष्ट किया है।’

‘वे केवल संघर्ष चाहते हैं’

इसी कड़ी में पोस्ट को अंत करते हुए एक्ट्रेस ने लिखा, ‘काश मेरे नाना आज जीवित होते तो मैं उनसे पूछ सकती कि युद्ध के मैदान में दुश्मन बन चुके दोस्त के सामने खड़े होने पर उन्हें कैसा महसूस होता है। लेकिन मैं उनके द्वारा छोड़ी गई कहानियों के लिए आभारी हूं, जिन्हें अब मुझे अपने मजबूत एक्स परिवार के साथ साझा करने का सम्मान मिला है। भुलाया गया इतिहास, दोहराया गया इतिहास है। और आज पहले से कहीं अधिक, हमें याद रखना चाहिए… वे केवल संघर्ष चाहते हैं।

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