
भारतीय सेना
नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से भारत में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए जिसे भारत की मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया। बढ़ते तनाव के बीच शनिवार को सीजफायर का ऐलान हो गया। हालांकि इसके बाद भी पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया गया। अब सबकी निगाहों भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO लेवल के अधिकारियों के बीच होनेवाली वार्ता पर टिकी है। यह वार्ता 12 मई को होगी। यहां हम जानेंगे कि देश के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिटरी ऑपरेशन्स (DGMO), डायरेक्टर जनरल ऑफ एयर ऑपरेशन और डायरेक्टर जनरल ऑफ नेवल ऑपरेशन कौन कौन हैं और इनका क्या रोल होता है?
कौन हैं DGMO
भारत का DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अफसर होता है। यह सीधे सेना प्रमुख को रिपोर्ट करता है। इस समय भारत के DGMO राजीव घई हैं। उन्होंने 25 अक्टूबर 2024 को यह महत्वपूर्ण पद संभाला था।
राजीव घई, डीजीएमओ
प्रोफाइल
इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का 35 साल का शानदार सैन्य करियर रहा है। उन्हें दिसंबर 1989 में कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन मिला था। अपने करियर में उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठित कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल नियुक्तियाँ संभाली हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी अहम भूमिका निभाई है। DGMO बनने से पहले, लेफ्टिनेंट जनरल घई श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स (15वीं कोर) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) थे, जहां उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक सेवा दी। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति तैयार करने और उसे लागू करने में अहम भूमिका निभाई
रोल
यह पद सैन्य रणनीति और सीमा संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। DGMO सैन्य अभियानों की देखरेख करता है और कॉर्डिनेशन बनाता है। किसी भी सैन्य अभियान के लिए रणनीति बनाना, निर्देश देना जैसे काम करने की जिम्मेदारी DGMO की ही होती है। DGMO के पास युद्ध, आतंकवाद विरोधी अभियान और सैन्य अभियानों से जुड़ी जानकारियां सबसे पहले पहुंचाई जाती हैं, ताकी वह उसी अनुरूप अपनी रणनीति बना सकें।
कौन हैं DG Air Operations
भारत के DG Air Operations का पद भी बेहद अहम होता है। DG Air Operations डायरेक्ट वायुसेना प्रमुख को रिपोर्ट करता है। एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती DG Air Operations का पद संभाल रहे हैं।
एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती, डीजी एयर ऑपरेशंस
प्रोफाइल
एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने 1987 में लड़ाकू विमान में कमीशन प्राप्त किया था। वे एनडीए, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। DG Air Operations से पहले उन्होंने कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है। एयर ऑफिसर कमांडिंग एडवांस मुख्यालय ईएसी, एयर स्टाफ ऑपरेशन (आक्रामक) के सहायक प्रमुख और सीएसी के वरिष्ठ एयर स्टाफ ऑफिसर के तौर पर उनका कार्यकाल बेहद शानदार रहा है।
रोल
इंडिया एयरफोर्स में DG Air Operations का पद अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह वायुसेना ऑपरेशन्स से रणनीति, प्लानिंग और को-ऑर्डिनेशन के लिए जिम्मेदार होता है। इस पद पर आमतौर पर एयर मार्शल रैंक का अधिकारी नियुक्त होता है।
युद्ध, शांति, और आपातकालीन परिस्थितियों के लिए वायुसेना की ऑपरेशनल रणनीति तैयार करने के साथ ही हवाई अभियानों, जैसे स्ट्राइक मिशन, हवाई रक्षा, टोही (रेकी), और परिवहन मिशनों की योजना बनाना। राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के अनुरूप वायु शक्ति की तैनाती के लिए रणनीति विकसित करने में DG Air Operations की भूमिका अहम होती है।
कौन हैं DG Naval Operations
भारत के DG Naval Operations की जिम्मेदारी वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद संभालरहे हैं। उन्होंने 15 जनवरी 2024 को पदभार ग्रहण किया। DG Naval Operations डायरेक्ट नेवी चीफ को रिपोर्ट करता है।
वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद
प्रोफाइल
वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद ने 38वें इंटीग्रेटेड कैडेट कोर्स, नौसेना अकादमी, गोवा के छात्र रहे चुके हैं। 01 जुलाई 1990 को भारतीय नौसेना में उनकी नियुक्ति हुई थी। ए एन प्रमोद कैट ‘ए’ सी किंग एयर ऑपरेशंस ऑफिसर और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स युद्ध विशेषज्ञ हैं। उन्होंने डीएसएससी वेलिंगटन (नीलगिरी) में स्टाफ कोर्स और एनडब्ल्यूसी, गोवा में नेवल हायर कमांड कोर्स किया है। फ्लीट ऑपरेशंस ऑफिसर, वेस्टर्न फ्लीट, आईएन जहाजों अभय, शार्दुल और सतपुड़ा की कमान संभाल चुके हैं। उन्होंने पोर्ट ब्लेयर में नेवल एयर स्टेशन, उत्क्रोश की कमान संभाली थी। वे डीएसएससी, वेलिंगटन में डायरेक्टिंग स्टाफ भी रह चुके हैं।
रोल
भारतीय नौसेना में DG Naval Operations का पद नौसेना के संचालन से संबंधित रणनीति, प्लानिंग और को-आर्डिनेश के लिए जिम्मेदार होता है। यह एक सीनियर पद है जिस पर आमतौर पर वाइस एडमिरल रैंक का अधिकारी नियुक्त होता है। DG Naval Operations का प्राथमिक कार्य नौसेना की सभी ऑपरेशनल गतिविधियों को को-ऑर्डिनेट करना, समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना, और युद्ध, शांति, या आपातकालीन परिस्थितियों में नौसेना की तैनाती को प्रभावी बनाना है। राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के अनुरूप नौसैनिक शक्ति का उपयोग सुनिश्चित करने में इसकी अहम भूमिका होती है।