अपनी सबसे बड़ी राइवल के नवजात बेटे को गोद लेना चाहती थीं शबाना आजमी, जावेद अख्तर भी थे राजी


shabana azmi
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जावेद अख्तर, फरहान और जोया अख्तर के साथ शबाना आजमी।

प्रतीक बब्बर दिंवगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल और अभिनेता-राजनेता राज बब्बर के बेटे हैं। राज बब्बर का जब स्मिता पाटिल से अफेयर शुरू हुआ वह पहले से ही नादिरा से शादीशुदा थे। हालांकि, अभिनेत्री से शादी करने के लिए उन्होंने नादिरा को छोड़ दिया। लेकिन, 1986 में स्मिता पाटिल का बेटे प्रतीक को जन्म देने के कुछ दिनों बाद प्रेग्नेंसी कॉम्प्लिकेशन्स के चलते निधन हो गया। अभिनेत्री की मृत्यु के बाद, प्रतीक का पालन-पोषण स्मिता के माता-पिता ने किया। इस बीच प्रतीक बब्बर ने खुलासा किया कि उनकी मां स्मिता पाटिल के निधन के बाद उनकी सबसे बड़ी राइवल रहीं शबाना आजमी उन्हें अडॉप्ट करना चाहती थीं।

प्रतीक बब्बर ने पर्सनल लाइफ के बारे में की बात

प्रतीक बब्बर ने जूम के साथ हालिया बातचीत में अपनी पर्सनल लाइफ पर खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने अपनी शादी में पिता राज बब्बर और उनके परिवार को ना बुलाने की अपनी वजह बताई। इसी दौरान उन्होंने खुलासा किया कि शबाना आजमी और जावेद अख्तर, उनकी मां स्मिता पाटिल के निधन के बाद उन्हें गोद लेना चाहते थे।

प्रतीक बब्बर को गोद लेना चाहते थे शबाना आजमी-जावेद अख्तर

प्रतीक बब्बर कहते हैं- ‘मुझे हाल ही में पता चला कि शबाना जी और जावेद साहब मेरी मां के निधन के बाद मुझे गोद लेना चाहते थे। ये थोड़ा कॉम्प्लीकेटेड था। मैं फरहान का सौतेला भाई हो सकता था। मुछे अक्सर अपने बारे में नई-नई चीजें पता चलती रहती हैं। कई बार ये बहुत अभिभूत करने वाला भी है। ये होता तो मैं पता नहीं कैसी जिंदगी जी रहा होता।”

बचपन में मेरे लिए कस्टडी की लड़ाई हुई थी- प्रतीक बब्बर

प्रतीक बब्बर ने इसके बारे में बात करते हुए आगे कहा- “मुझे अपने बचपन के बारे में अक्सर नई-नई बातें सुनने को मिलती हैं। उस दौरान भी कई बातें सुनने को मिलीं। बचपन में मेरे लिए कस्टडी की लड़ाई हुई थी। मैं बहुत छोटा था, बस रोता रहता था, मुझे नहीं पता था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। लोग मुझे गोद लेना चाहते थे।”

स्मिता पाटिल को मिले प्यार के लिए जाहिर की खुशी

प्रतीक बब्बर ने अपनी मां स्मिता पाटिल को मिलने वाले प्यार को लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा- ‘मैं उन्हें मिलने वाले प्यार और इंडस्ट्री में उनके सभी सहकर्मियों और दोस्तों के बीच उनकी सद्भावना के लिए बहुत आभारी हूं। शबाना जी निश्चित रूप से उनमें से एक थीं, जावेद साहब के साथ। अमित जी (अमिताभ बच्चन) भी हमेशा दयालु और सपोर्टिव रहे हैं। मुझे लगता है कि उनके समय के सभी लोग, जिनके साथ उन्होंने काम किया, नसीर साहब (नसीरुद्दीन शाह), रत्ना (पाठक शाह) जी, दिवंगत महान श्याम बेनेगल जी सब उनसे प्यार करते थे। वह एक अलग युग था।।

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