आतंक के आका पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1.02 अरब डॉलर का लोन मिल गया है। भारत ने इस लोन का विरोध किया था और वोटिंग से बाहर रहा था। हालांकि, इसके बावजूद आंतक की नर्सरी पाकिस्तान को यह लोन दिया गया है। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान इस कर्ज का इस्तेमाल अपनी कांगली खत्म कम करने के साथ आतंकी को पोषित करने में कर सकता है। भारत के साथ हालिया तनाव के बाद पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आया है। आईएमएफ के पाकिस्तान को लोने देने के इस फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार का अनुमान
आईएमएफ के अनुसार, पाकिस्तान ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और निवेशकों का विश्वास बहाल करने की दिशा में अच्छी प्रगति की है। अप्रैल के अंत तक पाकिस्तान का सकल विदेशी मुद्रा भंडार 10.3 अरब डॉलर था, जो जून के अंत तक बढ़कर 13.9 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस बीच, बजट को लेकर आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार के बीच ऑनलाइन बातचीत बुधवार से शुरू हो गई है, जो 16 मई तक चलेगी। सरकारी सूत्रों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए एक नया मिशन प्रमुख नियुक्त किया है, जिनकी इस सप्ताहांत इस्लामाबाद यात्रा की संभावना है।
शनिवार को इस्लामाबाद पहुंचने की उम्मीद
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दूसरे और अंतिम चरण के लिए आईएमएफ टीम के 11 मई, शनिवार को इस्लामाबाद पहुंचने और 23 मई तक वहां ठहरने की संभावना है। आईएमएफ ने बुल्गारियाई मूल की इवा पेट्रोवा को पाकिस्तान के लिए नया मिशन प्रमुख नियुक्त किया है। वह निवर्तमान प्रमुख नाथन पोर्टर के साथ मिलकर आगामी बजट पर चर्चा में भाग लेंगी। पाकिस्तान सरकार वित्त वर्ष 2025-26 का बजट 2 जून को पेश करने की योजना बना रही है। बजट के प्रावधानों को लेकर आईएमएफ प्रतिनिधि 16 मई तक पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत जारी रखेंगे।