CBSE Result 2025: कम नंबर लाने पर अलीगढ़ बीएसए ने की बेटे की तारीफ, लोगों से भी कही ये अहम बात


अलीगढ़ के बीएसए राकेश...
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अलीगढ़ के बीएसए राकेश सिंह और उनके बेटे की मार्कशीट

बीते दिन सीबीएसई ने अपना कक्षा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस रिजल्ट में कक्षा 10वीं का कुल पास पर्सेंटाइल 93 फीसदी गया, तो कक्षा 12वीं का कुल पास प्रतिशत 88.39 फीसदी रहा। इसी रिजल्ट में अलीगढ़ बीएसए के बेटे का भी रिजल्ट आया, जिसे थोड़े कम नंबर हासिल हुए लेकिन बीएसए ने इस कम नंबर के लिए बेटे को डांटा नहीं बल्कि उसके लिए एक ट्वीट किया और लोगों से एक अनुरोध किया।

कम नंबर लाने पर भी बेटे को दी बधाई

दरअसल बीएसए के बेटे ऋषि ने सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 60 फीसदी नंबर ही हासिल किए तो इसे लेकर बीएसए ने सार्वजनिक रूप से गर्व व्यक्त किया और बेटे को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ शब्द भी कहे। मंगलवार को सीबीएसई द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित करने के कुछ घंटों बाद बीएसए राकेश सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “मेरे बेटे ऋषि ने 60% के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है, बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं बेटा।”

बीएसए ने बताए अपने नंबर

आगे उन्होंने लिखा, “जैसे ही मैंने अपने बच्चे को बधाई दिया उसने पूछा पापा आप नाराज तो नहीं हैं इतने कम नंबर आए हैं तो मैंने उसे बताया कि नहीं मैं नाराज नहीं बल्कि आज उतना खुश हूं जितना मैं कभी अपने सेलेक्शन पर भी नहीं हुआ होगा क्योंकि तुम्हारे तो 60% नंबर है मेरा ग्रेजुएशन में 52% नंबर ही थे, आगे बताया कि हाई स्कूल में 60 फीसदी था और इंटर में 75% नंबर था।”

अन्य मां-बाप को दी समझाइश

आगे उन्होंने अन्य पैरेंट्स को समझाते हुए लिखा,”जिन बच्चों के नंबर कम आए हैं या पास नहीं हो सके हैं उनको निराश होने की या उनके माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है। हम जिंदगी की शुरूआत कही से कभी भी कर सकते हैं, जब मैंनें इंटर पास कर लिया और ग्रेजुएशन का एन्ट्रेंस टेस्ट देने गया था तब मुझे अकबर, बीरबल, बाबर राज्यपाल और बैडमिंटन जैसे सवाल नहीं आते थे। मैंने इंट्रेंस टेस्ट इनसे संबंधित सारे सवालों को गलत किया था फिर भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मेरा एडमिशन हुआ।”

आगे उन्होंने अपनी जिंदगी के उदाहरण से समझाते हुए कहा, “जिस लड़के को इतिहास का ABCD नहीं पता हो उसने लोक सेवा आयोग के साल 2000 की परीक्षा में इतिहास विषय में 80% नंबर हासिल किया, यह मैंने करके दिखाया क्योंकि यह मेरी एक ज़िद थी। हम जिंदगी में कहीं से कभी भी अच्छी शुरुआत कर सकते हैं।” 

बच्चों को मजबूर न करें

आगे अन्य पैरेंट्स से अपील करते हुए कहा,”मैं अभिभावकों से एक अपील करूँगा यदि आप सफल नहीं हो पाए हैं तो कोई बात नहीं। यह सही बात है कि आपने अपने बच्चे से बहुत सारे सपने पाल रखें होंगे और बच्चों के माध्यम से आपको अपने सपने पूरे करने हैं लेकिन उसके लिए बच्चों को मज़बूर नहीं करना चाहिए।”

सभी बच्चे में होता है टैलेंट- बीएसए

आगे कहा, “मैंने 2000 की लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पीईएस संवर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। मैंने एक बार ठाना तो फिर करके दिखाया पीछे मुड़कर नही देखा। यह टैलेंट सभी बच्चे में होता है, बस आप उसको कितना प्रोत्साहन दे पाते हैं, उसके स्वास्थ्य का कितना ध्यान रख पाते हैं ये बहुत जरूरी है। ज़िन्दगी ज्ञान की नहीं धैर्य की परीक्षा है इसलिए बच्चों को सपोर्ट करना चाहिए, उनका साथ देना चाहिए।”

आगे बीएसए ने लिखा, “जब से बच्चा शुरुआत कर लेगा वो कुछ भी कर सकता है, किसी भी ऊंचाई को छू सकता है। ऐसे तमाम उदाहरण समाज में भरे पड़े हैं हैं। मैं पुनः जिन बच्चों ने सफलता हासिल की है, उनको बधाई देना चाहता हूँ। जिन बच्चों ने सफलता नहीं हासिल की है उन बच्चों को उनके माता पिता अभिभावकों को विशेष बधाई देना चाहता हूँ कि आपका बच्चा इस सृष्टि की अनमोल रचना है वो ज़रूर किसी न किसी दिन बड़ा करेगा, अच्छा करेगा। सभी को शुभकामनाएं”

बेटे को वकील बनने की चाहत

बीएसए ने आगे कहा कि उनका सबसे छोटा बेटा ऋषि अब कानून की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। वह अपने पसंद के कॉलेज में एडमिशन लेगा और एक वकील बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करेगा।

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