गुजरात में बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 13-14 नकली पहचान पत्र बरामद


पुलिस की गिरफ्त में...
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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

गुजरात एटीएस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में बसाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने  एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया, जो एक स्थानीय लोगों के साथ मिल कर अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए नकली दस्तावेज बनवाता था। एटीएस को जानकारी मिली कि एक बांग्लादेशी नागरिक, जिसका नाम राणा सरकार उर्फ मोहम्मद ददल आलम है, वर्तमान में अहमदाबाद के नारोल क्षेत्र में बागे कौसर, कनाल रोड पर रह रहा है और वहीं “वीआईपी मोबाइल एंड मनी ट्रांसफर” नाम की दुकान चला रहा है। 

आरोपी ने अपने फर्जी पहचान दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवाया है। इसके अलावा राणा सरकार और रोहुल इस्लाम ने अल रश इंटरप्राइजेज नाम की दुकान के मालिक सोएब कुरैशी के साथ मिलकर अन्य बांग्लादेशी नागरिकों और व्यक्तियों के लिए भी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड जैसे नकली दस्तावेज तैयार कर भारतीय पासपोर्ट बनवाने में मदद की है।

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इसी दुकान में होता था फर्जीवाड़े का काम

13-14 बांग्लादेशियों को भारत में बसाया

पुलिस उपायुक्त वीरेंद्र सिंह परमार के नेतृत्व में बनाई गई टीम ने 12 मई 2025 को राणा सरकार की दुकान पर छापा मारा, जहां से आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, बांग्लादेश का नेशनल आईडी कार्ड, भारत सरकार का ई-मेल कार्ड, बैंक ऑफ बड़ौदा की पास बुक इत्यादि जब्त किए गए। पूछताछ में राणा सरकार ने बताया कि रोहुल इस्लाम 13-14 बांग्लादेशी नागरिकों को भारत लाया था। उसने सोएब मोहम्मद कुरैशी की मदद से उनके नकली पहचान पत्र बनावाए थे। इन नकली पहचान पत्र की मदद से उसने सभी के भारतीय पासपोर्ट ऑनलाइन आवेदन कर बनवाए थे।

17 बांग्लादेशियों के फर्जी पासपोर्ट बनवाए

पुलिस की टीम अल रश इंटरप्राइजेज नाम की दुकान में भी छापा मारा, जहां से नकली आधार कार्ड बनाने के लिए 22 फर्जी स्टांप की प्रतियां बरामद की गईं। आरोपी के कंप्यूटर और लैपटॉप से 300 से ज्यादा फर्जी आधार कार्ड फॉर्मेट, पैन कार्ड की प्रतियां, जन्म प्रमाणपत्रों की नकली प्रतियां और अन्य दस्तावेज बरामद हुए। इनका उपयोग अवैध गतिविधियों में हो सकता है। सोएब कुरैशी ने राणा सरकार और रोहुल इस्लाम के साथ मिलकर कुल 17 बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाए और 9 अन्य के लिए आवेदन किया था।

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फर्जी दस्तावेज

आरोपियों की जानकारी

1. मोहम्मद ददल आलम उर्फ राणा सरकार, निवासी जिला किशोरगंज, बांग्लादेश: साल 2012 में अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कर पश्चिम बंगाल के दिनहाटा क्षेत्र में आया था। इसके बाद वह विभिन्न शहरों से होता हुआ 2015 में अहमदाबाद पहुंचा। 2017 में पासपोर्ट बनवाया और 2018 से फर्जी दस्तावेज बनवाने का काम करने लगा।

2. सोएब मोहम्मद कुरैशी, निवासी नवलगढ़, राजस्थान: साल 2015 से अल रश इंटरप्राइजेज नामक दुकान के माध्यम से आधार, पैन और पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन करता रहा है।

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फर्जी दस्तावेज

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए पासपोर्टों का उपयोग सिर्फ धोखाधड़ी के लिए नहीं, बल्कि आतंकवाद, जासूसी, तस्करी, अवैध आव्रजन और अन्य कामों के लिए किया जा सकता है। इससे सुरक्षा के गंभीर खतरे हो सकते हैं। इसके साथ ही भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा पर सीधा खतरा उत्पन्न होता है।

आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

आरोपी (1) मोहम्मद ददल आलम उर्फ राणा सरकार, (2) सोएब मोहम्मद कुरैशी और (3) रोहुल इस्लाम (वर्तमान में दक्षिण कोरिया में) के खिलाफ दिनांक 12/05/2025 को एटीएस पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 03/2025 दर्ज की गई है। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336(2), 337, 338, 340(2), पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(1)(ख), 12(2) और विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14(ए)(बी), 14(सी) के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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फर्जी दस्तावेज

भारत सरकार और गुजरात सरकार ने वर्तमान सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए देश में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों और उन्हें मदद देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के तहत गुजरात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को ठोस कार्रवाई करने के आदेश मिले हैं और इसके अंतर्गत एटीएस अधिकारियों को विशेष निगरानी रखने को कहा गया है।





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