जब बस स्टॉप पर बेसहारा मिला 50 के दशक का स्टार, अमिताभ बच्चन ने देखकर भी नहीं दी लिफ्ट, क्यों?


Amitabh Bachchan
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अमिताभ बच्चन ने जब भारत भूषण को बस स्टॉप पर देखा।

जब भी हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार की बात होती है, राजेश खन्ना का नाम लिया जाता है। लेकिन, उनसे पहले भी कई अभिनेता आए, जिन्होंने ऐसी सफलता और स्टारडम देखा, जिसके लिए कई सितारे सालों-साल काम करते हैं। दिलीप कुमार, देव आनंद वे स्टार थे, जिनकी एक झलक के लिए फैंस पागल थे। इसी दौर में एक और अभिनेता बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने में जुटा था। ये अभिनेता थे भारत भूषण, जिन्होंने 1950 के दशक में ‘बैजू बावरा’ और ‘मिर्जा गालिब’ जैसी फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाईं और स्टारडम की ओर बढ़े। लेकिन, उनका स्टारडम ज्यादा दिनों के लिए नहीं रहा।

कैसे खो दी दौलत-शोहरत?

कुछ सालों तक बड़े पर्दे पर राज करने के बाद कुछ फिल्मों में निवेश में भारत भूषण ने अपनी दौलत-शोहरत खो दी। उन्होंने, जिन फिल्मों में निर्माता के तौर पर पैसे लगाए, वह कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकीं। इस नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने अपना बंगला, गाड़ी सब बेच दिया और मलाड में एक अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए। कभी बड़े पर्दे पर राज करने वाले भारत भूषण आर्थिक तंगी का शिकार हो गए और इसी आर्थिक तंगी के साथ 1992 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

जब 50 के सुपरस्टार को अमिताभ बच्चन ने बस स्टॉप पर खड़े देखा

अमिताभ बच्चन ने एक बार अपने एक ब्लॉग में भारत भूषण से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया और उस दिन को याद किया जब उनकी राह भारत भूषण से टकराई। अमिताभ बच्चन ने जैसे ही भारत भूषण को देखा वह उन्हें पहचान गए। बात तब की है, जब अमिताभ बच्चन अपने पतन से उबरे ही थे और स्टारडम की तरफ आगे बढ़े थे। एक सुबह जब वह काम पर जा रहे थे तो उन्होंने भारत भूषण को बस स्टॉप पर बिलकुल अकेले खड़े देखा। बिग बी ने भारत भूषण को बस स्टॉप पर बस का इंतजार करते देखा, लेकिन लिफ्ट देने के लिए अपनी कार नहीं रोकी। अपने ब्लॉग में बिग बी ने इसके पीछे की वजह के बारे में भी बताया।

उन्हें कोई नहीं पहचान रहा था- अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में लिखा था- ‘जब मैं एक सुबह काम के सिलसिले में सांताक्रूज से गुजर रहा था तो मैंने 50 के दशक के महान रोमांटिक हार्टथ्रोब, उस समय के कुछ सबसे सफल फिल्मों के हीरो, भारत भूषण को एक बस स्टॉप पर लाइन में खड़े देखा। एक साधारण नागरिक की तरह। भीड़ का हिस्सा होकर भी अकेला, अनजान। कोई भी उन्हें नहीं पहचान पा रहा था। भीड़ में खड़े नायक को कोई नहीं जानता था। किसी को नहीं पता था कि वह कौन था।’

मैं रुकना चाहता था- अमिताभ बच्चन

बिग बी ने आगे लिखा- ‘मैं रुकना चाहता था, उन्हें अपनी कार में बिठाकर उनके गंतव्य तक छोड़ना चाहता था, लेकिन हिम्मत ही नहीं जुटा सका। मुझे उस दौरान इस बात का डर था कि कहीं मैं उन्हें शर्मिंदा ना कर दूं और इसी डर के चलते मैं गाड़ी चलाता रहा। लेकिन, वह दृश्य आज भी मेरे साथ है और हमेशा रहेगा। यह किसी के साथ भी हो सकता है। हममें से किसी के भी साथ हो सकता है।’

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