
वायरल वीडियो का फैक्ट चेक
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों युद्ध जैसे हालात थे। इस दौरान सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म में कई तरह के फेक वीडियो वायरल हुए। इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम लगातार फेक खबरों और वायरल वीडियो को जांच कर सही जानकारी अपने पाठकों तक देती रही।
क्या हो रहा वायरल?
इस बीच, सोशल मीडिया पर यूजर्स एक वीडियो को शेयर कर रहे हैं। वीडियो में हाथ में तिरंगा लेकर लोग जश्न मनाते हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा है कि ये वीडियो पाकिस्तान की करारी हार पर कश्मीर के लोगों द्वारा खुशी में नाचने का है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर ऑफिसियल सूरज शुक्ला (Official Suraj Shukla) नाम के चैनल ने 11 मई 2025 को वायरल वीडियो को अपलोड किया है। वीडियो के कैप्शन में लिखा, ‘जम्मू कश्मीर में जीत का जश्न पाकिस्तान को करारी हार।’
यूट्यूब पर वायरल हो रहा वीडियो
इंस्टाग्राम पर पहले ही अपलोड हुआ था ये वीडियो
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए गूगल लेंस की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया गया। जांच के दौरान amazingbharuch नाम के इंस्टाग्राम पेज पर एक मिलता-जुलता वीडियो मिला। पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, ‘आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत की जीत के बाद भरूच के पंचबत्ती सर्कल पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई।’ इससे साफ हो गया कि वायरल वीडियो का वर्तमान भारत-पाकिस्तान तनाव से कोई संबंध नहीं है।
इंस्टाग्राम में वायरल वीडियो
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी मुकाबले में भारत की जीत का जश्न
इस वायरल वीडियो से जुड़ी और खबरें सर्च की गईं तो नवभारत टाइम्स (NBT) की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। ये रिपोर्ट 23 फरवरी 2025 को प्रकाशित की गई थी। इस रिपोर्ट में वायरल विजुअल भी शामिल था। इससे साबित होता है कि वायरल वीडियो पुराना है। इसका हालिया घटना से कोई संबंध नहीं है।
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे बड़े मुकाबले में टीम इंडिया की जीत पर गुजरात में जमकर जश्न मना। अहमदाबाद , सूरत वडोदरा सहित राज्य के तमाम शहरों में विराट कोहली के विनिंग शॉट के साथ जश्न शुरू हो गया। लोगों ने जीत को सेलिब्रेट किया।
डिजिटल मीडिया में छपी रिपोर्ट
गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा वीडियो
जांच पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो कश्मीर का नहीं है, बल्कि गुजरात के भरूच का है। जहां चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के पाकिस्तान को हराने के बाद ये जश्न मनाया गया था। फैक्ट चेक की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ है। सोशल मीडिया में पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया गया है।