केंद्र ने सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ तुर्किये की कंपनी की याचिका का कोर्ट में किया विरोध, जानिए पूरा मामला


दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
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दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई

केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट में विमानन नियामक बीसीएएस द्वारा सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले के खिलाफ तुर्किेये की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एक अन्य कंपनी की याचिका का सोमवार को विरोध किया। केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जज सचिन दत्ता से कहा कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है, क्योंकि ऐसी कुछ सूचनाएं मिली थीं कि वर्तमान स्थिति में याचिकाकर्ता कम्पनियों की सेवाएं जारी रखना खतरनाक होगा। 

इस कारण रद्द की गई कंपनी की सुरक्षा मंजूरी

तुर्किेये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने तथा पड़ोसी देश में आतंकी ढांचों पर भारत के हमलों की निंदा किए जाने के कुछ दिनों बाद नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने इन कंपनियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड क्रमशः ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल कार्यों की देखरेख कर रहे थे। 

बिना कारण बताए कर दिया गया रद्द- वकील

मेहता ने कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और (मंजूरी रद्द करने का) आदेश उसी को प्रतिबिंबित करता है।’ सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने कंपनी की ओर से दलील दी कि यह निर्णय ‘सार्वजनिक धारणा’ के कारण लिया गया, जो इसका आधार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि सुरक्षा मंजूरी सुनवाई का मौका दिए बिना या कारण बताए बगैर रद्द कर दी गई। 

17 सालों से काम कर रही कंपनी

रोहतगी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह तुर्किये के नागरिकों के कंपनी में शेयरधारक होने के चलते सार्वजनिक धारणा के कारण किया गया है।’ उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता 14,000 कर्मचारियों के साथ 17 सालों से काम कर रहा है। 

21 मई को होगी अब इस मामले की सुनवाई

जज दत्ता ने पूछा कि क्या कोर्ट ऐसे निर्णयों की पुनः समीक्षा कर सकता है और क्या ऐसे मामलों में पहले से नोटिस देना अनिवार्य है। इसके बाद उन्होंने इस मामले की अगली सुनवाई 21 मई को तय की है। (भाषा के इनपुट के साथ)

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