
राजस्थान मंदिर में चोरी
राजस्थान के भीलवाड़ा में जैन तीर्थ स्थल स्वस्ति धाम मंदिर से एक करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के गहने चोरी हो गए। चोर ने रात के समय घटना को अंजाम दिया। अज्ञात चोर ने जैन तीर्थ स्थल स्वस्ति धाम मंदिर को निशाना बनाया। उसने एक करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के भगवान के श्रृंगार के सोने-चांदी के गहने चोरी कर लिए।
घटना जहाजपुर उपखंड मुख्यालय की है। यहां शाहपुरा रोड स्थित स्वस्ति धाम में अज्ञात चोर ने बीति देर रात चोरी की घटना को अंजाम दिया। चोर मंदिर की दिवार पर दुप्पटे की सहायता से चढ़कर मंदिर के अन्दर पहुंचा। इसके बाद उसने भगवान की मूर्तियों के श्रृंगार के सोने चांदी के लगभग सवा करोड़ रुपए के आभूषण चुरा लिए।
भामण्डल, कछुआ और यंत्र गायब
मंदिर में चोरी की घटना को लेकर जहाजपुर स्वस्ति धाम मंत्री पारस जैन ने कहा कि वह घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे और जहाजपुर पुलिस को सूचना दी। जहाजपुर थाना अधिकारी राजकुमार नायक शाहपुरा रोड स्थित स्वस्तिधाम पहुंचे। उन्होंने बताया कि दिगम्बर जैन मदिर में मुनिसुव्रतनाथ भगवान की गर्भ गृह में स्थापित प्रतिमा के सिर के पीछे 1 किलो 305 ग्राम सोना और लगभग 03 किलोग्राम चांदी से बने भामण्डल, प्रतिमा के सामने कीमती धातु का कछुवा और आदिनाथ भगवान की वेदी से स्वर्ण पोलिस यंत्र चुरा ले गया।
सीसीटीवी की जांच में जुटी पुलिस
जैन तीर्थ स्थल पर हुई चोरी की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। पुलिस सीसीटीवी वीडियो के आधार पर अज्ञात चोर के खिलाफ मामला दर्ज तलाश शुरू कर दी है। तीर्थ स्थल में हुई चोरी की घटना को गंभीरता से लेते हुए शाहपुरा के एएसपी राजेश आर्य घटनास्थल पर पहुंचे। मंदिर और तीर्थ स्थल का मुआयना करने के बाद उन्होंने जहाजपुर डिप्टी और जहाजपुर थाना अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही पुलिस ने अलग-अलग टीमों का गठन कर आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालना शुरू कर दिया है।
पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज किया
जहां शाहपुरा एएसपी राजेश आर्य ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की विशेष टीमों का गठन किया है। तीर्थ स्थल कमेटी की रिपोर्ट पर जहाजपुर पुलिस ने चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। मंदिर कमेटी की तरफ से लगभग सवा करोड़ रुपए के सोने चांदी के आभूषण की चोरी की बात कही जा रही है, लेकिन जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि चोरी हुए सामान की कीमत कितनी है।
(भीलवाड़ा से सोमदत्त त्रिपाठी की रिपोर्ट)