
बीजेपी नेता कंवरलाल मीणा
राजस्थान में बीजेपी के विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने आज उनकी MLA मेंबरशिप रद्द करने का फैसला जारी किया। अंता विधानसभा सीट से विधायक कंवरलाल मीणा को हाईकोर्ट ने एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कानून के मुताबिक अगर किसी विधायक या सांसद को तीन साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द करनी होती है।
क्या है पूरा मामला?
कंवरलाल मीणा का केस 2005 का था तब उप सरपंच के चुनाव के दौरान उन्होंने एक एसडीएम पर रिवॉल्वर तान दी थी और बाद में इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग वाला कैसेट भी तोड़ दिया था। वासुदेव देवनानी ने महाधिवक्ता की रिपोर्ट मिलने के बाद शुक्रवार को यह फैसला किया। अकलेरा की स्थानीय अदालत ने 14 दिसंबर 2020 को मीणा को 20 साल पुराने मामले में सरकारी काम में बाधा डालने, सरकारी अधिकारियों को धमकाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाते हुए 3 साल कैद की सजा सुनाई थी। राजस्थान हाईकोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा था। विधानसभा के प्रवक्ता ने बताया कि देवनानी ने दोषसिद्धि की तिथि से अंता से विधायक कंवरलाल को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से निरर्हित कर दिया है। इससे राजस्थान विधानसभा में एक स्थान अंता (193) जिला बारां रिक्त हो गया है।
कांग्रेस का आया रिएक्शन
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने देवनानी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए X पर ‘‘सत्यमेव जयते’’ लिखा। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के भारी दबाव और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के द्वारा हाईकोर्ट में ‘कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट’ की अर्जी पेश करने के बाद आखिरकार भाजपा के सजायाफ्ता विधायक कंवर लाल की सदस्यता रद्द करनी पड़ी।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान सर्वोपरि है। कांग्रेस पार्टी यह बात बार-बार आरएसएस-भाजपा के नेताओं को बताती रहेगी और उन्हें मजबूर करेगी वो संविधान के मुताबिक काम करें।’’
नेता प्रतिपक्ष जूली ने भी X पर पोस्ट कर कहा, ‘‘सत्यमेव जयते…लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा की जीत।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी के सतत संघर्ष और अदालत में ‘अवमानना’ याचिका दायर किए जाने के बाद अंततः आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता रद्द करनी पड़ी।’’ राजस्थान की 200 सीट वाली विधानसभा में अब भाजपा के 118, कांग्रेस के 66 विधायक हैं।
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