
स्टारलिंक डायरेक्ट-टू-सेल
Elon Musk की कंपनी SpaceX ने Starlink के 23 नए सैटेलाट्स को सफलतापूर्वक लॉन्च कर लिया है। ये स्टारलिंक के V2 मिनी सीरीज के सैटेलाइट्स हैं, जो डायरेकट-टू-सेल कैपेबिलिटीज को सपोर्ट करते हैं। इसे स्पेस एक्स के नए Falcon 9 बूस्टर रॉकेट ने LEO यानी लोअर अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया है। 23 में से 13 सैटेलाइट्स डायरेक्ट-टू-सेल कैपेबिलिटीज वाले हैं, जबकि अन्य सैटेलाइट्स स्टारलिंक की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए स्थापित किए गए हैं।
Starlink जल्द ही भारत में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करने वाला है। कंपनी को सरकार की तरफ से लेटर ऑफ इंटेंट मिल गया है। हालांकि, सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम के आवंटन के बाद ही कंपनी भारत में अपनी सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू कर सकती है। एलन मस्क की कंपनी SpaceX के जरिए अंतरिक्ष में 6000 से ज्यादा Starlink के सैटेलाइट्स स्थापित किए जाने हैं, जिनमें से लगभग आधे सैटेलाइट्स स्थापित किए जा चुके हैं।
एलन मस्क की कंपनी Starlink दुनिया के 105 से ज्यादा देशों में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया कराती है। हाल ही में कंपनी ने भारत के पड़ोसी देश भूटान और बांग्लादेश में अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च किया है। स्टारलिंक के डायरेक्ट-टू-सेल कैपेबिलिटीज वाले सैटेलाइट्स के जरिए यूजर्स के स्मार्टफोन में सैटेलाइट कनेक्टिविटी मिल सकेगी। पिछले दिनों स्टारलिंक ने अपनी डायरेक्ट-टू-सेल कैपेबिलिटीज (D2C) को अमेरिकी टेलीकॉम ऑपरेटर T-Mobile के साथ टेस्ट किया था।
क्या है डायरेक्ट-टू-सेल कनेक्टिविटी?
इस सर्विस के जरिए यूजर्स बिना किसी टैरेस्टियल मोबाइल नेटवर्क के भी अपने फोन से कॉल और मैसेज भेज सकेंगे। साथ ही, इंटरनेट सर्विस का भी लाभ ले सकेंगे। स्टारलिंक की यह डायरेक्ट-टू-सेल सर्विस यूजर्स को इमरजेंसी में फोन से कॉल और मैसेज के साथ-साथ इंटरनेट सर्विस की सुविधा मुहैया कराएगा। एलन मस्क की कंपनी बड़े पैमाने पर सैटेलाइट बेस्ट इंटरनेट और मोबाइल सर्विस में निवेश कर रही है। स्टारलिंक की D2C सर्विस का फायदा यह है कि यह बिना किसी हार्डवेयर बदलाव के साधारण 4G/5G फोन में सैटेलाइट सर्विस को एक्सेस किया जा सकता है।
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