एक्सपर्ट से जानें कितना खतरनाक है नया कोविड वेरिएंट, भारत में कैसी है स्थिति और कितना सतर्क रहने की है जरूरत?


नया कोविड वेरिएंट
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नया कोविड वेरिएंट

साल 2019 से लेकर 2022 तक दुनिया भर में तबाही मचाने के बाद, कोविड एक बार फिर से वापस आ गया है. पिछले कुछ हफ़्तों में सिंगापुर और हांगकांग में सबसे ज़्यादा कोविड के मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले हफ़्ते भारत में भी कोरोना के कई केस दर्ज किए गए। लेकिन, यह नया वेरिएंट क्या है और क्या सावधानी बरतनी चाहिए? इस बारे में दिल्ली में स्थित वेलनेस होम क्लिनिक एंड स्लीप सेंटर में निदेशक और पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल जानकारी दे रहे हैं।

नया कोविड वेरिएंट क्या है?

कोविड-19 वायरस लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है, जिसे मेडिकल भाषा में “म्यूटेशन” कहा जाता है। हर नया म्यूटेशन एक नया वेरिएंट बनाता है। हाल ही में जिस वेरिएंट की सबसे अधिक चर्चा हो रही है, उसका नाम है JN.1। यह वेरिएंट ऑमिक्रॉन का ही एक सब-वेरिएंट है। JN.1 की शुरुआत सबसे पहले सिंगापुर और कुछ एशियाई देशों में हुई और अब यह भारत समेत कई देशों में फैल चुका है। WHO ने इस वेरिएंट को “Variant of Interest” की श्रेणी में रखा है, जिसका मतलब यह है कि यह अभी गंभीर चिंता का विषय नहीं है, लेकिन इसकी निगरानी जरूरी है। JN.1 की खासियत यह है कि यह तेज़ी से फैलता है लेकिन इसके लक्षण अब तक के मामलों में हल्के ही देखे गए हैं। हालांकि यह निश्चित नहीं कहा जा सकता कि यह आगे चलकर अधिक खतरनाक नहीं होगा, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।

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JN.1 वेरिएंट के लक्षण काफी हद तक सर्दी-जुकाम जैसे ही हैं, लेकिन हर व्यक्ति में लक्षणों की तीव्रता अलग हो सकती है।  हालांकि, अच्छी बात यह है कि यह वेरिएंट अब तक के मामलों में अधिकतर लोगों में माइल्ड इन्फेक्शन ही कर रहा है और सामान्य देखभाल से कुछ ही दिनों में लोग स्वस्थ हो जा रहे हैं। लेकिन बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह थोड़ी चिंता की बात हो सकती है।

NB.1.8.1 वेरिएंट को लेकर WHO की राय क्या है?

अभी तक जो मामले सामने आए हैं, उनमें NB.1.8.1 के लक्षण भी हल्के ही रहे हैं और यह अधिकतर लोगों के लिए गंभीर साबित नहीं हुआ है। लेकिन WHO का यह भी कहना है कि वायरस का बर्ताव समय के साथ बदल सकता है, और इसकी प्रकृति पर गहरी नजर बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसलिए वैज्ञानिक संस्थाएं इस पर निगरानी कर रही हैं कि कहीं यह वेरिएंट भविष्य में तेज़ी से न फैले या गंभीर बीमारी का कारण न बन जाए।

भारत में कैसी है स्थिति?

भारत में अभी JN.1 और अन्य नए वेरिएंट के मामलों की संख्या सीमित है, लेकिन अलग-अलग राज्यों में इसके केस सामने आ रहे हैं। खासकर केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में इसकी उपस्थिति दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है। अच्छी बात यह है कि भारत की टीकाकरण कवरेज काफी बेहतर है और हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर मेडिकल संसाधन उपलब्ध हैं, जिससे हम इस स्थिति से निपटने में सक्षम हैं।

कितना खतरनाक है नया कोविड वेरिएंट?

JN.1 वेरिएंट अब तक के वैज्ञानिक विश्लेषण और मरीजों की रिपोर्ट के अनुसार अधिक खतरनाक नहीं है। यह ऑमिक्रॉन से ही जुड़ा है, और ऑमिक्रॉन के वेरिएंट्स का अब तक का इतिहास यह रहा है कि वे बहुत तेजी से फैलते हैं लेकिन बहुत गंभीर बीमारी नहीं पैदा करते। हालांकि, किसी भी वायरस के खतरे का मूल्यांकन केवल उसकी माइल्डनेस से नहीं किया जा सकता। अगर यह वेरिएंट बहुत ज्यादा लोगों को संक्रमित करने लगता है, तो भले ही बीमारी हल्की हो, लेकिन कुल मिलाकर यह हेल्थ सिस्टम पर दबाव डाल सकता है। इसके अलावा जो लोग पहले से बीमार हैं या जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, उनके लिए यह वेरिएंट ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए इसे हल्के में लेना सही नहीं होगा। मास्क पहनना, दूरी बनाए रखना और भीड़भाड़ से बचना अब भी जरूरी है।

कोविड से बचने के लिए क्या फिर से लेना होगा बूस्टर डोज़?

अगर आपने पहले से ही कोविड की दोनों प्राथमिक डोज़ और एक बूस्टर डोज़ ले ली है, तो अभी के लिए कोई नई बूस्टर डोज़ जरूरी नहीं है। लेकिन यदि आपकी आयु 60 वर्ष से अधिक है, या आप किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, डायबिटीज या दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर बूस्टर डोज़ लेने पर विचार कर सकते हैं। भारत सरकार की ओर से अभी तक नए बूस्टर के लिए कोई अनिवार्य गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। 

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लोगों को कितना सतर्क रहने की जरूरत है?

कोविड-19 भले ही अब उतनी खतरनाक बीमारी न रही हो जैसी कि शुरुआत में थी, लेकिन यह वायरस अभी भी मौजूद है और समय-समय पर अपना रूप बदल रहा है। इसलिए लोगों को सामान्य सतर्कता बरतना अभी भी बेहद जरूरी है। 

Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।





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