अगर आप शेयर बाजार की उतार-चढ़ाव से परेशान रहते हैं, तो बॉन्ड एक बेहतर और स्थिर निवेश विकल्प साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं, महंगाई और अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच बॉन्ड निवेशकों को एक सुनिश्चित और नियमित रिटर्न दे रहे हैं। यही वजह है कि बॉन्ड निवेश खासकर उन लोगों के लिए आकर्षक बनता जा रहा है जो जोखिम से बचना चाहते हैं और स्थिर आय की तलाश में हैं।
शेयर बाजार में गिरावट, लेकिन बॉन्ड में स्थिरता
आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस के उपाध्यक्ष श्रीशा आचार्य के अनुसार, पिछले तीन महीनों में निफ्टी 50 में 5.4% की गिरावट आई है, जबकि सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्ड स्थिर रिटर्न दे रहे हैं।” सरकारी बॉन्ड फिलहाल सालाना 6.2% से 6.8% का रिटर्न दे रहे हैं, जबकि उच्च रेटिंग (AAA) वाले कॉरपोरेट बॉन्ड 6.8% से 7.5% का सालाना रिटर्न दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए, खासकर वे जो जोखिम से बचना चाहते हैं, बॉन्ड एक सुरक्षात्मक निवेश के तौर पर काम करते हैं। साथ ही, निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए भी यह एक अहम साधन है, जिससे बाजार की अस्थिरता करीब 30% तक कम की जा सकती है।
बॉन्ड रिटर्न में भरोसा, खासकर अनिश्चित माहौल में
इंडिया बॉन्ड्स के सह-संस्थापक विशाल गोयनका के मुताबिक, “जब बाजार भू-राजनीतिक तनावों, केंद्रीय बैंक की नीतियों और वैश्विक घटनाओं से प्रभावित हो रहा हो, उस वक्त बॉन्ड निवेश एक स्थिर नकदी प्रवाह और पूंजी संरक्षण प्रदान करता है।”
आंकड़ों पर एक नजर
- 2020-2025 के दौरान निफ्टी 50 का कुल रिटर्न 19.8% रहा, लेकिन उतार-चढ़ाव अधिक था।
- वहीं सोना ने इसी अवधि में 16.32% का सालाना रिटर्न दिया।
- 10 साल के सरकारी बॉन्ड का औसत रिटर्न 6.19% और AAA कॉरपोरेट बॉन्ड्स का सालाना औसत रिटर्न 6.9% रहा।
- 2024-25 में, निफ्टी ने सिर्फ 7.44% रिटर्न दिया, जबकि सोने ने 41.5% और AAA रेटेड कॉरपोरेट बॉन्ड्स ने 8.03% का स्थिर रिटर्न दिया।
बॉन्ड निवेश के प्रति जागरूकता की कमी
श्रीशा आचार्य बताते हैं कि आज भी बॉन्ड, खासकर युवाओं के बीच, उतने लोकप्रिय नहीं हैं। इसका कारण है अपेक्षाकृत कम रिटर्न, कम प्रचार, और वित्तीय ऐप्स व मीडिया में कम उपस्थिति। युवाओं में ज्यादा रिटर्न की चाहत उन्हें इक्विटी या म्यूचुअल फंड की ओर खींचती है। हालांकि RBI रिटेल डायरेक्ट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे इंडिया बॉन्ड्स के माध्यम से अब यह स्थिति बदल रही है।
बॉन्ड बाजार का विकास
भारत में बॉन्ड बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। गोयनका के अनुसार, भारत का कुल बॉन्ड बाजार अब $2.69 ट्रिलियन तक पहुंच चुका है। हालांकि अमेरिका जैसे विकसित बाजारों की तुलना में अभी भी तरलता और पहुंच में सुधार की ज़रूरत है, लेकिन सेबी और अन्य संस्थानों के प्रयासों से यह बदलाव तेजी से हो रहा है।
कितना बॉन्ड में लगाएं?
एक सरल नियम यह है कि अपनी उम्र को 100 में से घटाएं और जो संख्या बचे, उतना प्रतिशत इक्विटी में और बाकी प्रतिशत बॉन्ड व निश्चित आय वाले साधनों में निवेश करें। उदाहरण के लिए, यदि आपकी उम्र 40 है, तो 60% आप इक्विटी में और 40% बॉन्ड जैसे स्थिर निवेश में रख सकते हैं।