अब और जगमगाएगी राम नगरी, मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू; Photos


ram mandir ayodhya
Image Source : X- @SHRIRAMTEERTH
राम मंदिर

अयोध्या राम मंदिर परिसर में निर्माण कार्य तेजी से अंतिम चरण में है। भगवान श्रीरामलला के भव्य मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू हो गया है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि इस मंदिर के शिखरों पर सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू हो गया है जिसके अगले 2-3 हफ्ते में पूरा हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा,‘‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह काम पूरी तरह से तय प्रक्रियाओं और सुरक्षा मानकों के अनुसार हो। इस काम के लिए नियुक्त विशेषज्ञ अयोध्या पहुंच चुके हैं और सोने की परत चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।’’

30 जून तक बनकर तैयार हो जाएगा मंदिर का पहला द्वार

मिश्रा ने कहा कि मौजूदा निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मुख्य रूप से मंदिर के द्वार, सभा भवन और अतिथि गृह के कार्य की प्रगति की समीक्षा की है। मंदिर का पहला द्वार अब 30 जून तक बनकर तैयार हो जाएगा। पहले इसे मई में पूरा होना था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण द्वार को फिर से बनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि गेट नंबर 11 अगस्त तक पूरा हो जायेगा और उसके बाद गेट नंबर तीन का काम शुरू होगा।

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राम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित किया गया।

3 से 5 जून तक होगा समारोह

मिश्रा ने बताया कि राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां आ गई हैं एवं उन्हें मंदिर की पहली मंजिल पर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक सुनियोजित रणनीति तैयार की गई है और उसी के अनुसार काम चल रहा है। मिश्रा का कहना है कि मंदिर निर्माण से जुड़े धार्मिक समारोह 3 जून से 5 जून तक आयोजित किये जाएंगे, जो मुख्य निर्माण के अंतिम चरणों के साथ मेल खाते हैं, फिर रखरखाव का काम शुरू होगा।

राम मंदिर में कलश स्थापना हो चुकी है।

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राम मंदिर में कलश स्थापना हो चुकी है।

इस बार अलग होगी गेस्ट लिस्ट

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के अनुसार मंदिर परिसर में शेष निर्माण कार्य सितंबर या अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना है। परिसर के भीतर सप्त मंदिर पहले ही बनकर तैयार हो चुका है और वहां ऋषियों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर निर्माण का यह चरण आस्था और भव्यता का प्रतीक बन रहा है। साथ ही राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। इससे पहले मिश्रा ने कहा था कि 5 जून को होने वाले  ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बेहद भव्य होने की उम्मीद है। मिश्रा ने कहा कि गेस्ट लिस्ट में राज्य या केंद्र के विशिष्ट लोग शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट इस पर विचार कर रहा है। और शायद वे उस समारोह के समय विभिन्न धर्मों के कई आध्यात्मिक गुरुओं को भी आमंत्रित करेंगे। (भाषा इनपुट्स के साथ)





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