Short Review: क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 दमदार या फिसड्डी? 10 प्वाइंट्स में जानें क्या चल पाया माधव मिश्रा का जादू


Criminal Justice Season 4 pankaj tripathi
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पंकज त्रिपाठी।

क्रिमिनल जस्टिस सीजन 4 में पारिवारिक जटिलताओं में उलझा एक दिलचस्प मर्डर केस देखने को मिलने वाला है। पंकज त्रिपाठी यानी माधव मिश्रा एक बार फिर लौट आए हैं। इस बार उनके साथ कई और शानदार कलाकार भी हैं, जिसमें जीशान अयूब, सुवरीन चावला, बरखा सिंग, आशा नेगी जैसे कई और एक्टर शामिल हैं। अगर आप इमोशन, थ्रिल और कोर्टरूम ड्रामा की तलाश में हैं तो ‘क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर’ जरूर देखें, ये सीजन सिर्फ एक सीरीज नहीं, एक अनुभव है। शो में सिर्फ एक छोटी कमी है, जिसे आप कई अच्छाइयों के आगे नजरअंदाज कर सकते हैं। पंकज त्रिपाठी का माधव मिश्रा के अवतार में जादू इस कदर चलेगा किए हल्के-फुल्के खिचाव, कुछ हिस्सों में स्लो चल रही कहानी को आप आसानी से बर्दाश्त कर लेंगे। ‘क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर’ देखने लायक है या नहीं, ये आप खुद इन 10 बिंदुओं को पढ़ने के बाद तय कर सकेंगे।

  • सीरीज का नाम: क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर
  • स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म: JioCinema / Disney+ Hotstar
  • मुख्य कलाकार: पंकज त्रिपाठी, मोहम्मद जीशान अय्यूब, सुरवीन चावला, आशा नेगी
  • एपिसोड्स की संख्या: 8
  • कहानी की शुरुआत:  एक मर्डर और कई रहस्य
  • रेटिंग: 3.5 

1. पंकज त्रिपाठी की दमदार वापसी

वकील माधव मिश्रा के रूप में पंकज त्रिपाठी ने फिर एक बार साबित किया कि यह किरदार उन्हीं के लिए बना है। उनकी सहज कॉमिक टाइमिंग और गंभीर अभिनय का मेल दर्शकों को बांधे रखता है।

2. एक जटिल और दिलचस्प मर्डर मिस्ट्री

कहानी सिर्फ एक मर्डर केस नहीं है, बल्कि इसमें पारिवारिक रिश्तों, मानसिक स्वास्थ्य और धोखे की गहराइयों को भी दिखाया गया है, जो इसे और भी ज्यादा सोचने पर मजबूर करती है।

3. हर एपिसोड में ट्विस्ट और सस्पेंस

कोर्टरूम ड्रामा और केस की परतें इतनी खूबसूरती से खुलती हैं कि हर एपिसोड के अंत में एक नया झटका या खुलासा आपको अगला एपिसोड देखने पर मजबूर कर देगा।

4. सहायक किरदारों की मजबूत प्रस्तुति

सुरवीन चावला, मोहम्मद जीशान अय्यूब, आशा नेगी, मीता वशिष्ठ और श्वेता बसु प्रसाद जैसे कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं से कहानी में गहराई और विश्वसनीयता जोड़ी है।

5. मनोवैज्ञानिक और पारिवारिक पहलू की गहराई

शो सिर्फ कोर्ट और पुलिस की लड़ाई नहीं दिखाता, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य (Asperger’s), दांपत्य तनाव और बच्चों की देखभाल जैसे मुद्दों को संवेदनशीलता से छूता है।

6. माधव और रत्ना की घरेलू केमिस्ट्री

शो में जहां एक ओर तनाव और रहस्य है, वहीं माधव मिश्रा और उनकी पत्नी रत्ना के हल्के-फुल्के, मज़ेदार सीन कहानी को इंसानी और भावनात्मक टच देते हैं।

7. सशक्त महिला किरदारों की उपस्थिति

मंदिरा माथुर, लेखा अगस्त्य और अंजू जैसे किरदारों के माध्यम से शो ने दिखाया कि महिला पात्र न सिर्फ भावनात्मक स्तर पर बल्कि पेशेवर और कानूनी रूप से भी सशक्त हो सकते हैं।

8. मजबूत कोर्टरूम ड्रामा

हर बार जब अदालत के दृश्य आते हैं, तो एक नई परत खुलती है। बहसें, जिरह, और वकीलों की रणनीति कहानी को बेहद रोमांचक बना देती है।

9. यथार्थ से जुड़ा निर्देशन और लेखन

लेखकों और निर्देशकों ने हर किरदार को ग्राउंडेड रखा है। कोई भी किरदार न तो ज़रूरत से ज़्यादा नाटकीय है और न ही अविश्वसनीय-यही शो को सच्चा और रिलेटेबल बनाता है।

10. सोशल मैसेज के साथ मनोरंजन

मर्डर मिस्ट्री और सस्पेंस के साथ-साथ यह सीजन दर्शाता है कि कैसे संवाद की कमी, मानसिक तनाव और पारिवारिक उपेक्षा एक इंसान को गहरे संकट में डाल सकते हैं।





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