
अमेरिकी कोर्ट, प्रतीकात्मक फोटो।
मिनेसोटा: अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय तस्करी के आरोपी रहे 2 दोषियों को जेल की सजा दी गई है। इन्हें जनवरी 2022 में कनाडा-अमेरिका सीमा पार करते समय चार भारतीय नागरिकों की मौत के मामले में दोषी ठहराया गया था। इन दोनों को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी साजिश में उनकी गंभीर भूमिका के लिए जेल की सजा सुनाई गई है। चारों मृतक एक ही परिवार के थे। इनमें एक दंपती और उनके दो छोटे बच्चे शामिल हैं, जिनमें उनके बेटे की उम्र 3 साल और बेटी की आयु महज 11 साल थी।
मिनेसोटा जिले की संघीय अदालत में हुई सुनवाई के बाद फ्लोरिडा निवासी 29 वर्षीय भारतीय मूल के हर्षकुमार रमनलाल पटेल को 10 वर्ष और एक महीने की सजा सुनाई गई। सजा पूरी होने के बाद उसे अमेरिका से निर्वासित कर दिया जाएगा। वहीं 50 वर्षीय स्टीव एंथनी शैंड को 6 वर्ष 6 महीने की जेल और 2 साल की निगरानी रिहाई (सुपरवाइज्ड रिलीज़) की सजा दी गई है।
जानें क्या था पूरा मामला?
अभियोजन के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी में दोषी ठहराये गए हर्ष पटेल और एंथनी शैंड एक संगठित मानव तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थे, जो भारतीय नागरिकों को नकली छात्र वीजा पर पहले कनाडा और फिर अवैध रूप से अमेरिका लाने का काम करता था। पटेल ने कनाडा के मैनिटोबा से अमेरिका तक तस्करी की लॉजिस्टिक्स में अहम भूमिका निभाई, जबकि शैंड अमेरिका की सीमा पर उन्हें रिसीव कर शिकागो पहुंचाने का काम करता था। अभियोजन ने बताया कि इस नेटवर्क के ज़रिए एक व्यक्ति को भारत से अमेरिका लाने की लागत 100,000 लाख अमेरिकी डालर (लगभग 83 लाख रुपये) तक थी।
ऐसे हुई भारतीयों की मौत
सूचना के अनुसार 18 और 19 जनवरी 2022 की रात इन भारतीयों को कनाडा-अमेरिका की जिस सीमा से गुजारा जा रहा था, वहां माइनस 36 डिग्री सेल्सियस की कड़ाके की ठंड थी। इसके साथ ही बर्फीले तूफान की चेतावनियां भी थीं। इन सबके बावजूद दोनों तस्करों ने 11 लोगों को कनाडा से अमेरिका की ओर पैदल तस्करी की योजना बनाई। उसी रात, अमेरिकी सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने मिनेसोटा में बर्फ में फंसी एक वैन से शैंड को दो अवैध प्रवासियों के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ में शैंड ने दावा किया कि और कोई व्यक्ति साथ नहीं था, लेकिन बाद में पास के खेतों से पांच और लोग मिले, जिनमें से एक को गंभीर हाइपोथर्मिया था और तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। उसी दिन, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने कनाडा की सीमा पर एक सुनसान इलाके से चार लोगों का शव बरामद किया, जो बर्फ में पूरी तरह जम गया था। इनमें 2 बच्चे भी शामिल थे। उनमें से एक बच्चे को उसके पिता के जमे हुए हाथों से ढका हुआ पाया गया।
अमेरिका का रिएक्शन
अमेरिकी न्याय विभाग के आपराधिक प्रभाग प्रमुख मैथ्यू आर. गेलोटी ने इस घटना को मानव तस्करी के खतरनाक परिणामों की भयावह मिसाल बताया। उन्होंने कहा, “पटेल और शैंड ने अपने लाभ के लिए निर्दोष लोगों की जान को जोखिम में डाला, जिनमें दो छोटे बच्चे भी शामिल थे और जो उनकी लापरवाही के कारण ठंड में मारे गए।” मिनेसोटा की कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी लिसा डी. किर्कपैट्रिक ने कहा, “हर बार जब मैं इस मामले के बारे में सोचती हूं, उस मासूम परिवार की तस्वीर मेरी आंखों के सामने आ जाती है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि मानव तस्कर मानवीय मूल्यों की कोई परवाह नहीं करते।”