
अंकिता भंडारी की मां
देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में शामिल दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अंकिता के परिजनों का बयान सामने आया है। अंकिता की मां सोनी देवी ने कहा कि अगर दोषियों को फांसी की सजा मिलती तो संतुष्टि होती। इतना कहते ही अंकिता की मां की आंखों से आंसू छलक आए। कोटद्वार की एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपियों को शुक्रवार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
अंकिता की मां ने और क्या कहा ?
कोर्ट का फैसला आने के बाद अंकिता की मां ने कहा कि कहा कि अभी बड़ी लड़ाई लड़नी है ताकि हत्यारों को फांसी की सजा मिले और किसी की भी बेटी के साथ ऐसा करने से पहले लोग हजार बार सोचें। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं लेकिन इससे उनकी बेटी की आत्मा को थोड़ी शांति तो जरूर मिली होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें संतुष्टि तो तभी होगी जब उनके जीते जी उनकी बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी। इतना कहते ही उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।
हाईकोर्ट में अपील पर क्या बोलीं अंकिता की मां
सुबकते हुए उन्होंने कहा कि हत्यारों ने न केवल उनकी बेटी के साथ बुरा किया बल्कि उनकी जिंदगी भी नर्क बना दी। उन्होंने कहा कि एक बेटी को खोने का दुख एक मां ही समझ सकती है। उन्होंने समर्थन के लिए लोगों का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी वजह से आज पहली जीत मिली है । यह पूछे जाने पर कि क्या वह हत्यारों को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट जाएंगी तो उन्होंने कहा, ‘क्यों नहीं।’
कौन था वीआईपी?
वहीं अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि वह अपनी बेटी के हत्यारों के लिए मौत की सजा चाहते थे इसलिए वह इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। वीरेंद्र भंडारी ने संवाददाताओं से कहा,”हमारी मांग थी कि जिस तरह से उन्होंने हमारी बेटी की हत्या की, उनको भी मौत की सजा सुनाई जानी चाहिए थी।” अंकिता के पिता ने कहा कि उनकी यह भी मांग थी कि यमकेश्वर की भाजपा विधायक रेणु बिष्ट द्वारा सबूत मिटाने के प्रयासों और ‘वीआईपी’ व्यक्ति की भी जांच की जाए जिससे पता चल सके कि वे लोग इस मामले में किस तरह शामिल थे।
आरोपियों को भरना होगा जुर्माना
कोटद्वार की एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज रीना नेगी ने आर्य पर 72 हजार रुपये तथा अन्य दो आरोपियों- सौरभ भास्कर तथा अंकित गुप्ता प्रत्येक पर 62,000 का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने पुलकित आर्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी ठहराते हुए कठोर आजीवन कारावास व 50,000 रुपये जुर्माना, धारा 201 के तहत पांच वर्ष कठोर कारावास तथा 10,000 रुपये जुर्माना, धारा 354 क में दो वर्ष का कठोर कारावास व 10,000 जुर्माना तथा अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम (आईटीपीए) की धारा 5(1)घ में पांच वर्ष का कठोर कारावास व 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।भास्कर व गुप्ता को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत कठोर आजीवन कारावास व 50,000 रुपये जुर्माना, धारा 201 में पांच वर्ष कठोर कारावास व 10,000 रुपये जुर्माना एवं आईटीपीए की धारा 5(1)घ में पांच वर्ष का कठोर कारावास व 2,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। दोषियों की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अदालत ने सरकार को चार लाख रुपये प्रतिकर के रूप में अंकिता के माता-पिता को देने का भी आदेश दिया है।
क्या था मामला?
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्य करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की 18 सितंबर 2022 को कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों-सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर हत्या कर दी थी। अंकिता के साथ विवाद के बाद आर्य ने अपने कर्मचारियों भास्कर और गुप्ता के साथ मिलकर उसे ऋषिकेश की चीला नहर में धक्का दे दिया था जिससे उसकी मौत हो गयी थी।
पुलकित आर्य बीजेपी के तत्कालीन नेता विनोद आर्य का बेटा है जिन्हें यह मामला सामने आते ही पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। यह मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश सड़कों पर उमड़ पड़ा था जिसे शांत करने के लिए राज्य सरकार को उसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन करना पड़ा। मामले की सुनवाई दो साल और आठ महीने चली तथा इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विवेचना अधिकारी सहित कुल 47 गवाह पेश किए गए। (इनपुट-भाषा)