
एलन मस्क के पिता एरोल मस्क।
नई दिल्ली: टेस्ला के सीईओ और मशहूर अरबपति एलन मस्क के पिता एरोल मस्क भारत दौरे पर हैं। यहां उन्होंने भारत की संस्कृति के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था तक की जमकर तारीफ की। एरोल मस्क ने अयोध्या के राम मंदिर में भी जाने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने दुनिया भर में भारत की भूमिका पर कहा, “भारत एक स्लीपिंग जायंट है, इसमें कोई संदेह नहीं है। अब, भारत की जीडीपी दुनिया में तीसरी या चौथी सबसे अधिक है, यह बिल्कुल अविश्वसनीय है। यह अंततः एक विश्व शक्ति है। मैं इसके अलावा और क्या कह सकता हूं, यह शानदार है। मैं आपको बताता हूं कि यह शानदार क्यों है, क्योंकि मुझे लगता है कि भारतीय लोग बहुत प्यार करने वाले लोग हैं। वे आक्रामक, मतलबी लोग नहीं हैं। वे ऐसे लोग हैं जो किसी व्यक्ति को गले लगाते हैं। इसलिए हम ऐसे लोगों को एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति बनने की स्थिति में देखना चाहते हैं।”
वेदों पर क्या बोले एरोल मस्क?
वहीं भारत की संस्कृति, विरासत और आध्यात्मिकता पर एरोल मस्क ने कहा, “मैं अयोध्या में राम मंदिर का दौरा करने के लिए बहुत उत्सुक हूं। भारत के अविश्वसनीय इतिहास के प्रति मेरी विनम्र प्रशंसा है। मेरे विचार से, दुनिया का इतिहास वास्तव में किसी बिंदु पर भारत से जुड़ा हुआ है। हम जानते हैं कि हमारे पास वेद और इसी तरह के अन्य ग्रंथ हैं जो 14,000 साल पुराने हैं, और शायद उससे भी पहले के हैं। कुछ वेदों में उड़ने वाले वाहनों के बारे में भी बताया गया है। मैंने एक किताब लिखी है जिसमें बहुत सारी कहानियां हैं जिनमें भारत, कश्मीर, दिल्ली आदि के बारे में जानकारी शामिल है। मैं जानता हूं कि भारत एक आकर्षक जगह है, इसमें कोई संदेह नहीं है।”
भारत में कब तक आएगा टेस्ला?
यह पूछे जाने पर कि हम भारत में टेस्ला की उम्मीद कब कर सकते हैं? इस पर एलोर मस्क ने कहा, “यह ऐसी चीज है जिसके बारे में मुझे बहुत ज्यादा न कहने के लिए सावधान रहना होगा। टेस्ला एक सार्वजनिक कंपनी है। जब मैं देखता हूं कि भारत में कितनी ऊर्जा है, कितने अच्छे लोग हैं, और जब मैं यह सुनता हूं कि BYD जैसी कंपनियां और टाटा, महिंद्रा जैसे ब्रांड बेहतरीन गाड़ियां बना रहे हैं, तो मेरा मन कहता है कि भारत में टेस्ला क्यों नहीं है, लेकिन यह सिर्फ मेरी व्यक्तिगत राय है।
भारत को लेकर एरोल का क्या है प्लान?
वहीं भारत के लिए अपनी योजनाओं के बारे में बताते हुए एरोल मस्क ने कहा, “मैंने ‘सर्वोटेक’ नामक कंपनी का अध्ययन किया है और इसके बारे में पता लगाया है, मैं उनके काम से बहुत प्रभावित हूं। वे दुनिया भर की उन कई कंपनियों में से एक हैं जो बहुत महत्वपूर्ण काम करने के लिए उभर रही हैं- यानी बिजली की हर छोटी-छोटी मात्रा को बचाना और यह सुनिश्चित करना कि धरती पर बिजली की हर छोटी-छोटी मात्रा का उपयोग हो। हमें इसकी बहुत जरूरत है, क्योंकि बिजली की मांग में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है, इसलिए यह स्पष्ट रूप से काम करने के लिए सबसे दिलचस्प क्षेत्रों में से एक है।”
एरोल ने भारत को क्या संदेश दिया?
वैश्विक स्तर पर ग्रीन टेक्नोलॉजी के उपयोग पर एरोल मस्क ने कहा, “हम बिजली पर अधिक से अधिक निर्भर होते जा रहे हैं। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का वर्तमान मूल्य लगभग 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है और अगले पांच वर्षों में इसके 100 बिलियन होने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि अधिक बिजली की जरूरत है, बहुत अधिक बिजली की जरूरत है। केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही नहीं है, बल्कि हर चीज को बिजली की जरूरत है। हम अब किसी भी तरह की बर्बादी नहीं होने दे सकते। उत्पन्न होने वाली हर बिजली का उपयोग, पुनः उपयोग या बचत की जानी चाहिए।” एरोल मस्क ने भारत को संदेश देते हुए कहा, “चलते रहो। मैंने यहां जो देखा है, तुम सही रास्ते पर हो। तुम हम सबको पीछे छोड़ दोगे।”