ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने क्षेत्र में आने वाले गांवों को स्मार्ट विलेज में बदल रहा है, जहां उन्हें शहरों के सेक्टरों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। अब तक मायचा और घरबरा सहित 8 गांवों को लगभग 70 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा चुका है। वहीं, 15 अन्य गांवों में भी यह काम तेजी से चल रहा है, जिस पर 45.15 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और यह अगले एक साल में पूरा होने की उम्मीद है।
गांवों को इस तरह बनाया जा रहा स्मार्ट
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ग्राम विकास योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों का समग्र विकास कर उन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है। वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार निम ने बताया कि इसी कड़ी में अब खैरपुर गुर्जर गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने का काम शुरू हुआ है। पहले चरण में यहां सीवर, पेयजल पाइपलाइन और सभी गलियों में सीसी सड़क का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, बारात घर की मरम्मत और चारदीवारी का काम भी किया जा रहा है, जिससे गांव में जलभराव जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी। प्राधिकरण के एसीईओ सुनील कुमार सिंह के अनुसार, इस योजना के तहत गांवों में सड़क, सीवर, पेयजल पाइपलाइन, जल निकासी और स्कूलों के सौंदर्यीकरण जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। खेल के मैदान भी विकसित किए जा रहे हैं।
इन गांवों को बनाया स्मार्ट
अब तक मायचा, घरबरा, घंघोला, लडपुरा, तिलपता करनवास, सादुल्लापुर, कैलाशपुर और जलपुरा गांव को लगभग 69.09 करोड़ रुपये की लागत से स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया गया है। हालांकि, इन गांवों में नियमित साफ-सफाई को लेकर अभी भी शिकायतें रहती हैं। इसके अतिरिक्त 15 अन्य गांवों में स्मार्ट विलेज का काम चल रहा है, जिन्हें अगले एक साल में पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि बचे हुए विकास कार्यों को भी जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। ग्राम विकास योजना के अंतर्गत स्कूलों और अस्पतालों की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जा रहा है। यह पहल ग्रेटर नोएडा के ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाओं के करीब लाने और वहां के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।