एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से उस पोस्ट को हटा दिया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि डोनाल्ड ट्रंप का नाम यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से संबंधित फाइलों में था। एपस्टीन का निधन 10 अगस्त, 2019 को हुआ था। हाल ही में हमने मस्क और ट्रंप के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बहस देखी है। अब मस्क का पोस्ट डिलीट करने का कदम ट्रंप के साथ संभावित सुलह के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। पिछले महीने मस्क ने सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) से इस्तीफा दे दिया था और ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ व टैक्स कट को लेकर ट्रंप के साथ उनका टकराव चल रहा था।
मस्क ने पोस्ट में क्या लगाया था आरोप?
मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा था कि ट्रंप का नाम उन सीलबंद एपस्टीन फाइलों में था और यही कारण था कि इन फाइलों को कभी जारी नहीं किया गया। उन्होंने लिखा था, “अब समय आ गया है कि बहुत बड़ा बम गिराया जाए। डोनाल्ड ट्रंप का नाम एपस्टीन फाइल्स में है। यही असली कारण है कि इन फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। आपका दिन शुभ हो, डीजेटी!” इसके बाद मस्क ने एक और पोस्ट की थी, जिसे भी उन्होंने डिलीट कर दिया। इसमें लिखा था, “इस पोस्ट (ट्रंप का नाम एपस्टीन फाइल्स में होने वाले पोस्ट) को भविष्य के लिए सेव कर लें। सच्चाई सामने आ जाएगी।
ट्रंप ने क्या दिया जवाब?
इस पोस्ट के जवाब में ट्रंप ने कहा कि मस्क अपना दिमागी संतुलन खो चुके हैं। बता दें कि मस्क ने ट्रंप के राष्ट्रपति अभियान को फंड किया था। एलन मस्क ने X पर एक पोस्ट में यह भी दावा किया था कि अगर वह नहीं होते, तो डोनाल्ड ट्रंप चुनाव नहीं जीत पाते और रिपब्लिकन पार्टी के सीनेट में केवल 50 से 60 सदस्य होते। उन्होंने ट्रंप को एहसान फरामोश भी बताया था। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ईवी मैंडेट में कटौती का ऐलान किया है इसलिए ट्रंप उनके खिलाफ हो गए हैं, क्योंकि इस फैसले का सीधा असर उनकी कंपनी टेस्ला पर होगा। इस तरह ट्रंप और मस्क के बीच तीखी बहस हुई।
एपस्टीन फाइलों में ऐसा क्या है?
ये फाइलें सेक्स-ट्रैफिकिंग गिरोह से संबंधित अदालती दस्तावेजों, गवाही और सीलबंद रिकॉर्ड का एक क्लेक्शन है। ये फाइलें लंबे समय से अटकलों का विषय रही हैं। कई प्रमुख नामों पर इस मामले में संलिप्तता के आरोप लगे हैं, जबकि कई अन्य बड़े नाम अदालती आदेशों के पीछे छिपे हुए हैं। ट्रंप के एपस्टीन से कथित संबंधों के बारे में मस्क की हालिया टिप्पणियों ने षड्यंत्र सिद्धांतों को फिर से हवा दे दी है। कई लोगों का मानना है कि प्रशासन अभी भी मामले से जुड़ी संवेदनशील और संभावित रूप से आपत्तिजनक फाइलों को रोके हुए है।