
आंध्र प्रदेश की मंत्री का वीडियो वायरल
आंध्र प्रदेश की पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री सविता एस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक जिला अधिकारी पर गुस्से में बुके फेंकती नजर आ रही हैं। यह घटना तीन दिन पहले की बताई जा रही है, लेकिन वीडियो अब सामने आने के बाद मंत्री के व्यवहार की आलोचना हो रही है।
मंत्री जी क्यों हो गईं नाराज?
जानकारी के मुताबिक, यह घटना एक पेंशन वितरण कार्यक्रम के दौरान की है। मंत्री सविता ने जिला अधिकारी प्रभावती से निर्वाचन क्षेत्र में पहले चरण में वितरित किए गए मुफ्त गैस सिलेंडरों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी। हालांकि, अधिकारी इस सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं, जिससे मंत्री नाराज हो गईं।
गुस्से में बुके फेंक दिया
वीडियो में देखा जा सकता है कि मंत्री को गुस्सा आ गया और उन्होंने बुके फेंक दिया, जो अधिकारी ने उन्हें भेंट किया था। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को लेकर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई यूजर्स ने एक कैबिनेट मंत्री के तौर उनके व्यवहार और शिष्टाचार पर सवाल उठाए हैं।
टीडीपी की बड़ी उपलब्धि
एक अन्य खबर में, आंध्र प्रदेश सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री एन मनोहर ने शनिवार को बताया कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने सात दिनों में एक करोड़ लोगों तक राशन पहुंचाने की उपलब्धि हासिल की है। आंध्र प्रदेश सरकार ने हाल ही में मोबाइल वितरण इकाइयों (एमडीयू वाहनों) के माध्यम से राशन की घर-घर तक आपूर्ति को खत्म करने के बाद उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से राशन वितरण के पुराने प्रारूप को फिर से शुरू कर दिया है।
7 दिनों में 1 करोड़ लोगों तक पहुंचा राशन
मोबाइल वितरण इकाइयों की शुरुआत युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी की पिछली सरकार में हुई थी। एन मनोहर ने एक विज्ञप्ति में कहा, “सात दिनों में एक करोड़ लोगों तक राशन पहुंचाने की एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है।” उन्होंने कहा कि एक जून से 29,796 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 1.46 करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारकों के लिए राशन वितरण शुरू हो गया था। मंत्री ने कहा कि सात दिनों में 1.05 करोड़ से अधिक लोगों को राशन वितरित किया गया, जिसका मतलब है कि 72 प्रतिशत लाभार्थियों को राशन मिल चुका है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक आयु के 11 लाख से अधिक बुजुर्गो और दिव्यांगों को घर-घर जाकर राशन दिया गया। (भाषा इनपुट के साथ)
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