भारतीय शेयर बाजार ने अमेरिका-चीन जैसे दुनिया के बड़े स्टॉक मार्केट को पीछे छोड़ते हुए नंबर वन का ताज हासिल किया है। आपको बता दें कि भारतीय लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप मार्च 2025 की शुरुआत से अब तक लगभग 1 खरब डॉलर बढ़ गया है। इसके साथ ही लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 5.33 खरब डॉलर हो गया है। अगर प्रतिशत के लिहाज से देखें तो मार्केट कैप में 21 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है- जो दुनिया के शीर्ष 10 शेयर बाजारों में सबसे अधिक वृद्धि है। भारत वर्तमान में अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग के बाद वैश्विक स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा बाजार है।
दूसरे नंबर पर जर्मनी
वैश्विक स्तर पर, भारत के बाद जर्मनी के बाजार ने दूसरा सबसे बड़ा लाभ दर्ज किया, जिसका एमकैप इस अवधि के दौरान लगभग 14 प्रतिशत बढ़ा। कनाडा में लगभग 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि हांगकांग में 9 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई। जापान और यूनाइटेड किंगडम में लगभग 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। संयुक्त राज्य अमेरिका, जो दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी बाजार है, ने लगभग 2.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की, जबकि दूसरे सबसे बड़े चीन में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। फ्रांस और ताइवान ने क्रमशः 3.9 प्रतिशत और 3.2 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की।
निवेशकों को मिला बंपर रिटर्न
मार्च महीने से लेकर अबतक भारत के बेंचमार्क सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी में 12.5 प्रतिशत और 13.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक क्रमशः 20.7 प्रतिशत और 26 प्रतिशत से अधिक चढ़े हैं। भारतीय शेयर बाजार में रैली लौटने से निवेशकों की बंपर कमाई हुई है। इससे निवेशक एक बार फिर गदगद हैं। हालांकि, इस मजबूत रैली ने मूल्यांकन को एक बार महंगा कर दिया है जो चिंता की बात है।