
Benjamin Netanyahu (L) PM Narendra Modi (M) Ayatollah Ali Khamenei (R)
नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने बड़ा बयान दिया है। इजरायली राजदूत ने कहा है कि भारत में इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता करने की क्षमता है। अजार ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘भारत के पास दोनों पक्षों के साथ बातचीत के रास्ते हैं। यह वास्तव में भूमिका (मध्यस्थता में) निभा सकता है। हम भारत के साथ इस ईमानदार बातचीत से खुश हैं जो हमारा बहुत अच्छा मित्र है। हम आपकी चिंताओं को ध्यान से सुनते हैं। मुझे लगता है कि वो (चिंताएं) जायज हैं।’’
इजरायल के पास नहीं था विकल्प
इजरायल और ईरान में बढ़े तनाव के बीच इजरायली राजदूत यह टिप्पणी आई है। नेतन्याहू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को फोन करके इजरायल की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी थी। रूवेन अजार ने इजरायल की कार्रवाई रक्षात्मक उपाय बताया है। उन्होंने कहा कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना उनके देश का मकसद है। इस बात पर बल देते हुए कि इजरायल के पास निर्णायक कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं था, अजार ने कहा, ‘‘दुनिया का कोई भी देश इस तरह के हालत पैदा करना नहीं चाहता है।’’
‘इजरायल को तबाह करने का इरादा’
राजदूत रूवेन अजार ने दावा किया कि ईरानी अधिकारियों का एक गुप्त समूह इजरायल को तबाह करने के इरादे से परमाणु हथियार तैयार करने का प्रयास कर रहा था। आने वाले वर्षों में बैलिस्टिक मिसाइलों का विशाल शस्त्रागार बनाने की ईरान की योजनाओं की तरफ इशारा कराते हुए अजार ने कहा, ‘‘हमें एक खतरे को दूर करना था और उनके परमाणु प्रतिष्ठानों एवं बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी थी।’’ राजदूत ने कहा, ‘‘वो अगले तीन वर्षों में 10,000 और अगले छह वर्षों में 20,000 बैलिस्टिक मिसाइल तैयार करने की योजना बना रहे हैं। उनके पास एक विशाल शस्त्रागार है जो इजरायल के लिए खतरा है। वो दक्षिणी मोर्चे से हम पर हमला कर सकते हैं, इसलिए हमारे पास इस परमाणु खतरे पर कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था और हम इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए दृढ़ हैं।’’
क्या चाहता है इजरायल?
अजार ने यह भी कहा कि इजरायल के जारी अभियानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ईरान यूरेनियम को संवर्धित ना कर सके, जो एक ऐसा लक्ष्य है जिसे कूटनीतिक या सैन्य दोनों तरीके से हासिल करने के लिए इजरायल दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 60 दिवसीय वार्ता अवधि का संदर्भ देते हुए कहा कि ईरान द्वारा इसे ना मानने पर 61वें दिन इजरायल ने कार्रवाई की है।
‘ईरान दूसरे देशों को धोखा दे रहा है’
अजार ने आरोप लगाया, ‘‘ईरान दूसरे देशों को धोखा दे रहा है।’’ उन्होंने कहा कि ईरान के परमाणु खतरे के बेअसर होने तक इजरायल अपना अभियान जारी रखेगा। लक्षित हमलों में ईरान के सैन्य नेताओं और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत पर अजार ने कहा कि हमलों का उद्देश्य इजरायल को ‘तबाह’ करने की ‘आपराधिक साजिश’ को ‘विफल’ करना है। उन्होंने कहा, ‘‘इस साजिश के लिए जिम्मेदार लोगों को मिटा दिया गया है। हमें उम्मीद है कि उनके उत्तराधिकारी सबक सीखेंगे और ऐसी हरकतें करना बंद कर देंगे।’’ (भाषा)
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