इजरायल और ईरान के बीच भयंकर युद्ध चल रहा है। दोनों देश एक दूसरे पर मिसाइलों की बौछार कर रहे हैं। इससे दोनों देशों में भयंकर नुकसान की तस्वीर आई है। आने वाले दिनों में यह युद्ध और गहराने की आशंका है। डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि यह युद्ध पूरे मिडिल ईस्ट देशों को अपनी चपेट में ले सकता है। अगर युद्ध लंबा चला तो इसका असर भारत पर भी होगा क्योंकि दोनों देशों से भारत के कारोबारी रिश्ते हैं। भारत से बहुत सारी चीजें इन दोनों देशों को निर्यात होता है। साथ ही इन दोनों देशों से आयात भी होता है। आइए जानते हैं कि अगर युद्ध भयानक हुआ तो भारत में किन चीजों के दाम बढ़ सकते हैं।
कच्चा तेल में उछाल
भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल दुनियाभर के देशों से आयात करता है। हालांकि, ईरान से भारत का ज्यादा आयात नहीं है लेकिन तेल उत्पादकों देशों में ईरान का बड़ा कंट्रीब्यूशन है। इजरायल, ईरान के बीच युद्ध शुरू होने के साथ कच्चे तेल के दाम बेकाबू हो गया है। दाम में 11% से ज्यादा उछाल आ गया है। ब्रेंट क्रूड 75.32 डॉलर प्रति बैरल तक और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) कच्चा तेल 73.42 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अगर यह युद्ध जारी रहा तो कच्चे तेल की कीमत में और बड़ी तेजी हो सकती है। इसका असर भारत के आयात पर होगा। कच्चा तेल का आयात महंगा होगा। इससे भारत में पेट्रोल, डीजल, गैस, एटीएफ आदि की कीमत बढ़ सकती है।
इजरायल से भारत में आने वाले उत्पाद
भारत एशिया में इजरायल का दूसरा और वैश्विक स्तर पर 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। हाल के वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और उच्च तकनीक वाले उत्पादों, चिकित्सा उपकरण; संचार प्रणाली आदि जैसे क्षेत्रों में व्यापार में वृद्धि देखी गई है।
- इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
- हथियार और गोला-बारूद
- ऑप्टिकल, फोटो, तकनीकी और चिकित्सा उपकरण
- उर्वरक (फर्टिलाइज़र)
- मशीनरी, परमाणु रिएक्टर और बॉयलर
- एल्युमिनियम, विविध रासायनिक उत्पाद
- मोती, कीमती पत्थर, धातुएं और सिक्के
- जैविक रसायन (ऑर्गेनिक केमिकल्स)
- बेस मेटल से बने औजार आदि।
ईरान से भारत क्या आयात करता है?
मार्च 2025 में भारत ने ईरान से 130 मिलियन डॉलर का निर्यात और 43 मिलियन डॉलर का आयात किया। मार्च 2024 और मार्च 2025 के बीच ईरान को भारत का निर्यात 41.5 मिलियन डॉलर (47.1%) बढ़कर 88.1 मिलियन डॉलर से 130 मिलियन डॉलर हो गया, जबकि आयात 13.3 मिलियन डॉलर (23.6%) घटकर 56.2 मिलियन डॉलर से 43 मिलियन डॉलर हो गया।
- जैविक रसायन
- खाद्य फल, मेवे
- खनिज ईंधन, तेल
- नमक, गंधक, मिट्टी, पत्थर, प्लास्टर, चूना और सीमेंट
- प्लास्टिक और उससे बने उत्पाद
- लोहा और इस्पात
- गोंद, रेजिन और लाख जैसे वनस्पति उत्पाद